-सुनील कुमार॥देश भर के सिनेमाघरों में फिल्में पहुंचाने वाले डिस्ट्रीब्यूटरों ने सलमान खान से एक खुली अपील की है कि वे अपनी नई फिल्म राधे को इंटरनेट पर, ओटीटी पर जारी करने के बजाय उसे सिनेमाघरों में रिलीज करें ताकि अब तक मंद या बंद पड़े सिनेमाघरों में जिंदगी लौट […]
बॉलीवुड
टीआरपी का फर्जीवाड़ा
पत्रकारिता के नाम पर खासकर इलेक्ट्रानिक मीडिया में जो फर्जीवाड़ा चल रहा है, पिछले हफ्ते उसकी एक कड़ी मुंबई पुलिस ने सामने रखी। बीते गुरुवार एक प्रेस कांफ्रेंस कर मुंबई पुलिस ने टीआरपी रैकेट के पकड़े जाने की बात कही। इसमें दो छोटे चैनलों के साथ रिपब्लिक टीवी का भी […]
बढ़ी घास में कुतर्कों के कीड़े..
सबसे तेज होने का दावा करने वाले एक न्यूजअ चैनल की सवर्ण एंकर ने इस आशय का ट्वीट किया है कि फिल्मों में अरसे तक सूदखोर बनिया, ढोंगी ब्राह्मण और जालिम ठाकुर जैसे चरित्र दिखाए गए हैं, लेकिन ड्रग्स को लेकर जब हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के कलाकारों पर जांच चल […]
SC में योगी सरकार घटिया स्क्रिप्ट के सहारे गुड़िया कांड को ट्विस्ट दे पाएगी.?
-सुनील कुमार।।हाथरस में दलित युवती के साथ गैंगरेप के बाद उसे बुरी तरह जख्मी किया गया था जिससे अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। रात में ही पुलिस ने दिल्ली के अस्पताल से उसकी लाश ले ली थी, और उसके गांव ले जाकर घरवालों के कड़े विरोध के बावजूद […]
दिल्ली से लेकर हाथरस तक किस्सा एक है
दिल्ली में सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई निर्भया के दोषियों को आखिरकार फांसी मिली तो समाज ने खुशी जतलाई कि निर्भया को इंसाफ मिल गया। हैदराबाद के बलात्कार कांड में चारों आरोपियों को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया तो उस जगह पर पुलिस वालों पर लोगों ने फूल बरसाए। जनता […]
दो नेताओं की सजह मुलाकात या राजनीतिक पाप ?
-निरंजन परिहार।। चार महीने से आप, हम और सारा संसार एक अभिनेता के अकाल अवसान की जांच का तमाशा देखने को अभिशप्त हैं ही न। ये जो राजनीति के निहितार्थ होते हैं, वे इसी तरह के तत्वों में तलाशे जा सकते हैं। लेकिन राजनीति में जो दिखता है, वह होता नहीं। […]
भगत सिंह के सपनों का देश..
‘उत्पादक और श्रमिक समाज के सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं लेकिन शोषक वर्ग उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई को भी लूट लेता है और उन्हें उनके मूलभूत अधिकारों से भी महरूम रखता है। किसान, जो सबके लिए अन्न उगाते हैं खुद परिवार-सहित भूखे मरते हैं, जुलाहे जो दुनिया भर के लिए […]
बिजूका सरकार और पूंजीपति टिड्डी दल
संसद का इस बार का मानसून सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। सरकार का निरंकुश रवैया खुलकर देश ने देख लिया। हालांकि गोदी मीडिया ने बहुत कोशिश की कि इस देश की जनता केवल बॉलीवुड में ड्रग्स की समस्या को देखे, और थोपी हुई खबरों की मदहोशी में रहे, लेकिन […]
अद्भुत अनुराग..
-अपूर्व भारद्वाज।। अनुराग को उनकी फिल्मों के द्वारा ही जानता हूँ उनकी फिल्में काला सफेद में नही होती है वो सदा सत्य का ग्रे शेड दिखाते है सुशांत केस में भी उन्होंने यही किया, सुशान्त की मौत के बाद अनुराग चाहते तो चुप चाप बैठ सकते थे क्योंकि वो जानते […]
रामसिंह चार्ली कितना फिट कितना अनफिट.
-उमाशंकर सिंह।। आजकल मुंबई की हिंदी फिल्म इंडस्ट्री, जिसे बहुत सारे लोग पश्चिमी प्रभाव में बॉलीवुड कहते हैं, मीडिया और आईटीसेल का नया ‘तब्लीगी जमात’ है। उसे बदनाम करने के लिए हजारों कहानियां, किस्से, अफवाह दिन-रात इन फैस्ट्री में उपजता है और 140 करोड़ जनता को जानवर समझते हुए उसके […]