उर्दू अखबार नई दुनिया के संपादक और समाजवादी पार्टी के नेता शाहिद सिद्दीकी को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू लेना भारी पड़ गया. सिद्दीकी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि सिद्दीकी पार्टी में नहीं हैं. वह कभी सपा में थे ही नहीं. मीडिया सिद्दीकी को सपा नेता न कहें.
सिद्दीकी को पार्टी ने कोई पद नहीं दिया था. वह टीवी चैनलों के कार्यक्रमों में बतौर प्रवक्ता बोलते थे, लेकिन वे आधिकारिक प्रवक्ता नहीं थे. मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव व राजेन्द्र चौधरी ही आधिकारिक रूप से पार्टी की ओर से बोलने के लिए अधिकृत हैं.
बताया जा रहा है कि मोदी के इंटरव्यू को लेकर मुस्लिम नेता नाराज थे. 2014 में लोकसभा चुनाव है. ऐसे में सपा मुस्लिम वोट बैंक को खोना नहीं चाहती है. इसलिए सिद्दीकी को पार्टी से बाहर कर दिया गया. सिद्दीकी पत्रकार के साथ साथ राजनेता भी हैं. सिद्दीकी पहले काग्रेस में थे, बाद में बसपा में शामिल हो गए. इस साल 9 जनवरी को वे सपा में शामिल हुए थे.
सिद्दीकी को दिए साक्षात्कार में मोदी ने कहा था कि अगर गुजरात दंगों के लिए वे दोषी हैं तो उन्हें फासी पर लटका दिया जाना चाहिए. अगर वे निर्दोष हैं तो उन्हें बदनाम करने वालों को माफी मागनी चाहिए. मोदी ने कहा था कि गुजरात दंगों के लिए वे माफी नहीं मागेंगे.
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