पितृत्व विवाद मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एनडी तिवारी को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इस बात का खुलासा किया कि एनडी तिवारी ही रोहित शेखर के पिता हैं। हाईकोर्ट की एकल पीठ के सामने तिवारी की डीएनए रिपोर्ट खोली गई, जिसमें पता चला कि तिवारी रोहित शेखर के जैविक पिता हैं।
कोर्ट के फैसले के बाद एनडी तिवारी ने कहा कि यह उनका निजी मामला है। इसे अधिक तूल ना दिया जाए। वहीं, रोहित शेखर ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें उनका कानूनी हक मिला है।
इससे पहले हाईकोर्ट ने तिवारी की डीएनए रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने की अपील खारिज कर दी थी। हालांकि किसी भी पक्ष को DNA रिपोर्ट की प्रति नहीं दी गई है।
तिवारी ने हाईकोर्ट के ही एकल पीठ के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें रिपोर्ट को सार्वजनिक करने संबंधी आग्रह को खारिज कर दिया गया था। 87 वर्षीय तिवारी ने अपनी याचिका में अदालत से उनकी प्रतिष्ठा के अधिकार की रक्षा करने का आग्रह किया था।
उन्होंने कहा कि एकल पीठ ने उनकी याचिका का निपटारा करने में शॉर्ट कट अपनाया है और इससे उनके साथ अन्याय होगा। उन्होंने कहा कि यह कोई आपराधिक गतिविधि नहीं है और उनको अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा करने का अधिकार है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय ने उक्त जज का फैसला खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि अदालत ने रिपोर्ट के बारे में पूरी गोपनीयता बरतने का निर्देश दिया था।
(अमर उजाला)
वह रे बेशर्म गंदे जब उज्जवला से संपर्क किया था तब तो निजी मामला था अब ये कोर्ट की खुली कार्यवाही है इसमे छुपाने की किया बात है जब की वो महिला जिस की आबरू भी तो सब के के सामने आ रही है उस की चिंता नहीं जो बालक आज तक बे नामी का जीवन बिना बाप के नाम से जी रहा था [हरामी] कहा जा रहा था आज वो बता सकता है समाज को उस के पिता एनडी तिवारी है किस बात की दलील दे कर अपने व्यक्तिगत जीवन की इज्जत की बात करते है आज समाज के सामने आने से भय लगता है और उस दिन इएन बातो का हिसाब तो होना ही चाहिए
वाह बेहतरीन हैडिंग है