अब तक तो आपने महंगाई का ट्रेलर ही देखा था अब आपको महंगाई की असली फिल्म दिखाई पड़ेगी। रविवार से कोचिंग क्लासेस और प्रशिक्षण केंद्र से लेकर होटल में खाने-पीने और हवाई
सरकार ने सेवाओं की नकारात्मक सूची को छोड़ अन्य सभी सेवाओं पर सेवाकर लगाने का फैसला किया है। नकारात्मक सूची में 38 सेवाओं को रखा गया है। इस सूची में मीटर से चलने वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, जुआ, लॉटरी, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, यात्री और माल परिवहन व विद्युत कंपनियों द्वारा बिजली वितरण सेवाएं शामिल हैं। यानी इन पर सेवाकर नहीं पड़ेगा। इनके अलावा अंत्येष्टि क्रिया, दफनाना और शव वाहन सेवाओं को भी इससे मुक्त रखा गया है। कोचिंग क्लासेज और प्रशिक्षण केंद्रों को सेवाकर के दायरे में लाया गया है। वहीं, स्कूलों, विश्वविद्यालयों और अनुमति प्राप्त व्यासायिक पाठ्यक्रमों की शिक्षा को सेवाकर के दायरे से बाहर रखा गया है।
फिलहाल, रेल माल ढुलाई और यात्री किराए में रविवार से सेवाकर लगने को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। रेलमंत्री मुकुल राय ने कहा है कि रेलवे एक जुलाई से माल भाड़ा और यात्री किराए पर सेवाकर नहीं लगाएगा। इस बाबत उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा है, जिनके हाथों में ही इस समय वित्त मंत्रालय की कमान भी है। 2012-13 का बजट पेश करते हुए पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सेवाकर के दायरे को बढ़ाने का एलान किया था। इसमें सेवा की परिभाषा को व्यापक बनाया गया है। अब तक 119 सेवाएं सकारात्मक सूची में शामिल थीं और उन्हीं पर सेवाकर लगाया जाता रहा है। सेवाकर के दायरे को व्यापक बनाने की सरकार की सोच को वस्तु एवं सेवाकर [जीएसटी] की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ने के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार व स्थानीय प्राधिकरणों को एयरक्राफ्ट की मरम्मत और रखरखाव के लिए दी जाने वाली सेवाओं को भी नकारात्मक सूची में रखा गया है। इसी तरह वकीलों द्वारा दूसरे वकीलों और दस लाख रुपये तक का टर्नओवर रखने वाले व्यावसायिक संस्थानों को भी सेवाकर के दायरे से मुक्त रखा गया है। सार्वजनिक शौचालय भी इसके दायरे में नहीं रहेंगे। जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय नवीकरण मिशन [जेएनएनयूआरएम] व राजीव आवास योजना जैसी स्कीमों को भी नकारात्मक सूची में रखा गया है। वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में सेवाकर से 1.24 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।
कुल मिला कर सेवाकर के इस जाल से जहाँ मनमोहिनी सरकार के खजाने की बल्ले बल्ले होने वाली है वहीँ पहले से महंगाई की मार से दबे कुचले आम भारतीय का अब कोई धनी धौरी नहीं दिखता.
AAm janta ka jo theka hai woh use theek se nahin nibha rahi varna last election mein is gov ko jadmool se ukhar ke phenk detii.
Jo sircar apne expense ko control nahin karna chahti hai use oppose karna hi sahi hai.Regarding family planning I agree with you but this gov is not doing anything on this front to appease Muslims who breed like rabits.
WE SHOULD CONTROL THE POPULATION BY ANY MEANS FRIENDS.FIRST STEP IS EDUCATION FOLLOWED BY SELF PENANCE.
ha ha ha
ABSOLUTELY RIGHT.PEOPLE ARE IN HABIT OF CRITICISING OTHERS.
In the difficult situations in all round conditions the nature is adding to propagate more , no rain in jJne & all dams are getting empty, crops are not sawed for want of wetness in fields POWER GENERATIONS IS AFFECTED, so in this situations what to eat & drink, Govt is proposing to use food grains for wine industry, grapes are also in use in wine industry so drink wine & give revenue to GOVT ????
you are right regarding the attitude of this Gov.
are bhai kya aam janta ne sirf sarkar ko dosh dene ka tekha hi le rakha hai….jara apne desh ki arthvyavastha pe bhi ek najar daliye….abadi kitni badh rahi hai per sadhan seemit hai aise me mahgai to badhegi hi….ha sarkar ko sadhan badhane ke liye sarthak upay avashay karne chahiye….hum bhartiyo ki yes bahut badi kami hai ki apne ko sudharne se pahle dusro ke dosho ko hi dekhte rahte hai….