


उनके इंतकाल पर कुछ कहने के लिये मेरे पास अल्फाज नहीं है। वह गजल की दुनिया का नगीना थे। कोई दूसरा मेंहदी हसन पैदा नहीं होगा।
पाकिस्तानी सूफी गायिका आबिदा परवीन ने कहा कि वह हमेशा कहते थे कि मैं सुर देख सकता हूं। भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में उनके चाहने वालों की कमी नहीं थी। वह महान थे। ऐसे फनकार कभी कभी ही पैदा होते हैं।
पाकिस्तानी गायक अदनान सामी ने कहा कि वह हर किसी के प्रेरणास्रोत थे। मेहदी हसन अपने आप में एक संस्थान थे। मैं अभी भी इस खबर को पचा नहीं पा रहा हूं कि वह नहीं रहे।
जिला खान ने कहा कि मुझे उतना ही दुख है जितना अपने पिता के जाने पर हुआ था। वह कितने महान फनकार थे। वह गजल गायिकी के शहंशाह थे।
दिवंगत जगजीत सिंह की पत्नी चित्रा ने कहा कि हर किसी ने उनके संगीत, तकनीक और गाने की शैली से सीखा था। मैं उनसे मिली थी और वह हमेशा हौसलाअफजाई करते थे।
वयोवृद्ध संगीतकार प्यारेलाल ने कहा कि यह बहुत बुरी खबर है। वह महान गायक ही नहीं बल्कि बेहतरीन इंसान भी थे। मुझे याद है कि अस्सी के दशक में मेरे घर में उनका कन्सर्ट हुआ था। मुझे पता था कि वह बीमार हैं लेकिन मैं उनके जल्दी ठीक होने ही दुआ कर रहा था। वह हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।
ग्रैमी पुरस्कार विजेता मोहन वीणा वादक विश्व मोहन भट्ट ने कहा कि यह अपूरणीय क्षति है। गजल गायिकी के एक दौर का अंत हो गया। उनकी गजलें पेचीदा नहीं होती थी और आम आदमी भी समझ सकता था। उनकी उर्दू इतनी अच्छी थी कि गायिकी और मधुर हो जाती थी।
अनुपम खेर ने कहा कि मेरे पसंदीदा गजल गायक मेंहदी हसन नहीं रहे। छात्र जीवन में उन्हें सुनने के लिये पाकिस्तान दूतावास के बाहर धक्के खाये थे।
निर्देशक मधुर भंडारकर ने कहा कि गजल शहंशाह नहीं रहे। मेंहदी हसन की कमी बहुत खलेगी। गायिका श्रेया घोषाल ने कहा कि मेंहदी हसन साहब नहीं रहे। कई दिलों के जज्बातों को जुबां देने वाली आवाज खामोश हो गई।
GUZAL SAMARAT
I LIKE.
oh mahan gazal o sufhi gayak thi bhoot hi dukhad khabar ye