मोबाइल पर लगने वाला रोमिंग चार्ज अब जल्द ही खत्म हो जाएगा। कैबिनेट ने गुरुवार को राष्ट्रीय दूरसंचार नीति-2012 को मंजूरी दे दी है, जिसके चलते अब मोबाइल के दूसरे टेलीकॉम सर्किल में इस्तेमाल पर लगने वाला रोमिंग चार्ज खत्म हो जाएगा। इतना ही नहीं, पूरे देश में एक ही मोबाइल नंबर काम कर सकेगा, यानी सर्किल बदलने पर मोबाइल नंबर बदलने की जरूरत नहीं रह जाएगी। इसके अलावा स्पेक्ट्रम लाइसेंस के लिए नए सिरे से नीलामी किए जाने का भी फैसला लिया गया है।
नई दूरसंचार नीति में देश भर में रोमिंग चार्ज खत्म करने के साथ ही देशव्यापी नंबर पोर्टिबिलिटी और इंटरनेट ब्रॉडबैंड की स्पीड बढ़ाने की भी बात शामिल है। नंबर पोर्टेबिलिटी की सुविधा का विस्तार करते हुए नई दूरसंचार नीति में इस बात की इजाजत दी गई है कि कोई भी ग्राहक अब देश में कहीं भी जाए, उसे अपना मोबाइल नंबर बदलने की जरूरत नहीं होगी। इसका मतलब यह हुआ कि सर्विस प्रोवाइडर या शहर (सर्किल) बदलने पर आप अपना पुराना मोबाइल नंबर बरकरार रख सकते हैं।
नई दूरसंचार नीति स्पेक्ट्रम की पूलिंग, सहभागिता और आने वाले समय में कारोबार की भी इजाजत देगा। इससे एक कंपनी के पास अधिक मात्रा में स्पेक्ट्रम होने पर वह इसे अन्य के साथ बांट सकती है या फिर उसे बेचकर लाभ कमा सकती है। हालांकि इसके लिए निश्चित तौर पर उन्हें कुछ नियमों का पालन करना होगा। टेलीकॉम इंडस्ट्री लंबे समय से इसकी मांग कर रही थी।
सरकार की ओर से यह नीति लगभग एक दशक बाद उस समय लाई गई है जब पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा समेत 14 लोग सन 2008 में हुए स्पेक्ट्रम आंवटन में कथित गड़बड़ी को लेकर आरोपों के घेरे में हैं। सभी का कहना है कि उन्होंने उस समय की नीति का पालन किया था जो कानूनन गलत नहीं ठहराया जा सकता और ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई सही नहीं है। नई टेलीकॉम पॉलिसी में वर्ष 2020 तक हर गांव तक फोन पहुंचाने के साथ ही ग्रामीण टेलीफोन घनत्व को 37 से बढ़ाकर शत-प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है।
roaming kab khatam hogi.