-शैलेश गुप्ता-
अक्सर मेरे मन में ये विचार आता है कि आखिर कुत्ते को मानव के समाज में एक गाली क्यों मानी गई ? जबकि कुत्ता एक पालतू जानवर है और वफादार भी… विचार करने पर कुछ बात समझ आई सोचा आप सभी से साझा करूं …..
कुत्ता वफादार है लेकिन सिर्फ मालिक के प्रति… जो उसे पालता है भोजन देता है चाहे वो मालिक कोई हत्यारा, चोर डाकू या दरिंदा ही क्यों न हो.
कुत्ते में वफादारी तो होती है लेकिन विवेक नहीं… अगर मालिक हत्यारा है और उस के घर पर कोई साधू भी आ जाये तो कुत्ता उस साधू को भौंकेगा.
कुत्ते की मालकिन देशी हो या विदेशी इस बात का कुत्ते को कोई फर्क नहीं पड़ता चाहे देश को बर्बाद ही क्यों न कर रही हो लेकिन कुत्ता अपनी उस मालकिन के तलवे ही चाटेगा.
कुत्ता मालिक के हर आदेश को बिना सोचे समझे मान लेता है सही गलत का फैसला करने का विवेक होता नहीं उस में कुत्ते में स्वार्थ होता है उस की रोटी कोई छीन न ले उस डर से वो किसी को भो भोकेगा. वह अपने घर पर या मोहल्ले में कभी दुसरे कुत्ते की सत्ता स्वीकार नहीं कर सकता.
अब इसे किसी विशेष राजनैतिक पार्टी के परिप्रेक्ष्य में विचार करें… जहां लोग सिर्फ मालिक की भक्ति करते है जिन से उन्हें भोजन और घोटाला और भ्रष्टाचार करने मिलता है इसलिए वो अपने मालिक की गद्दारी को भी नहीं देख पाते.
जहां के लोगो में अच्छे बुरे और देश भक्ति या धर्म का विवेक नहीं सिर्फ अपनी मालकिन के प्रति वफ़ादारी ही उन के जीवन का प्रथम और अंतिम लक्ष्य है
जहा उन की मालकिन विदेशी है और इस देश का कभी भला कर नहीं सकी खहो लेकिन उन का निजी स्वार्थ इतना बद गया है कि उन्हें देश भक्ति जैसे चीज़ समझ ही नहीं आती और बस अपनी मालकिन के तलवे ही चाटते रहते है.
जहां मालकिन का हर आदेश कार्यकर्ता और मंत्री पत्थर की लकीर मान कर मानते है ……चाहे वो आदेश देश के अहित में ही क्यों न हो .
जहां अपने निजी स्वार्थ और मालकिन के फायदे के लिए मंत्री देश के किसी साधू महात्मा पर भी बिना विवेक के भोकते है चाहे वो साधू महात्मा अनशन करे या देश भक्ति का कोई कार्य उन को काटने दौड़ना उन पर डंडे बरसाना इन का काम है
अब आप स्वयं सोचे की क्या यह सत्य नहीं कि… अगर कुत्ता एक गाली है तो उस कुत्ता रूपी गाली का प्रथम अधिकारी सिर्फ एक विशेष राजनैतिक पार्टी के लोग है..?
( रायपुर के रहने वाले शैलेश गुप्ता पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन ब्लॉगिंग और लेखन में एक अर्से से सक्रिय हैं। फेसबुक पर उनके पेज कही सुनी और शैलेश उवाच खासे लोकप्रिय हैं। इनका ब्लॉग http://manmukuru.blogspot.in भी कई बार चर्चा के केंद्र में रहा है।)
समझदार को इशारा काफी.
kiya khub kahi………
Sach hai or vo vishesh party kon h yes bhi sab jante hai. bs dukh is bat ka hai ki hamare desh ke kutte pagal ho gaye h inhe mar dene ki aavshyakta hai.
कुछ इंसानों के गुण कुत्ते से मिलते है इस लिये उनकी तुलना कुत्ते से की जाती है
1. खतरनाक कुत्ते के बीस नाखून होते हैं इंसान के भी बीस नाखून होते है
2. कुत्ते को मुंह लगाओ तो सीधे मुह चाटता है सेम गुण इंसान के अन्द पाये जाते है
3. खतरनाक कुत्ता बीस नख वाला अपने मालिक को काट लेता है इंसान भी इंसान का दुशमन है आर. एस.ए….. और इनके सहयोगी
इनकी बहुत सी समानतायें है
कुत्ता तो कुत्ता ही होता है तो गाली कैसी ? अगर मान भी लिया जाय की गाली है तो गाली देना का अधिकार उनको ही है जिन पर वह भोंकता है या उनके घर में जा कर मुंह
मारता है. मालिकन चाहे देशी है या विदेशी, उसको तो तलुआ चटवाने में आनंद ही आता है. और अगर मालिकन विदेशी है तो वह देशी कुत्तो से तलुआ चटवाने में अति गौरान्वित अनुभव करती है.
कुत्ता तो कुत्ता ही होता है तो गाली कैसी? अगर मान भी लिया जाय की गाली है तो गाली देना का अधिकार उनको ही है जिन पर वह भोंकता है या उनके घर में जा कर मुंह.
मारता है. मालिकन चाहे देशी है या विदेशी, उसको तो तलुआ चटवाने में आनंद ही आता है. और अगर मालिकन विदेशी है तो वह देशी कुत्तो से तलुआ चटवाने में अति गौरान्वित अनुभव करती है.
…. Be shk… Bilkul shi… Shi smy me …shi frmaye..
आज कल ही नही सदा से कुत्तों कि कई नश्लें पाई जाती है, ——
विश्व में पहला उदाहरण ताज़ा ताज़ा झारखण्ड का है वहाँ के "नेपथ्य में बैठे रोगग्रस्त पिलपिले कुत्ते " की सारंड ने इतनी बदबू फैलाई कि सम्पूर्ण लोकतंत्र का माथा भन्ना गया,
नुक्लियर एग्रीमेन्ट के दिन संसद भवन में एक अजीब किशम का कुत्ता नजर आया, यह कुत्ता किसी खास नश्ल का था, जिस की करतूत की बदबू ने विश्व में अपने देश की लज्जा को तार-तार कर बेशर्म की तरह संसद में अपने ही रुपये को दूसरे का बताने पर तुले हुए थे परन्तु खास कुत्तों के दल का ये कुत्ता खुद ही फंस गया और और एक प्रकार के खुजली वाले कुत्ते हैं जिसकी वायरस रूपी आतंकवाद को कांधार में इन खुजली वाले कुत्ते ने अपने जीभ से चाट-चाट कर विमान पर बैठा दिया इन खुजली वाले कुत्ते की ही देन है कि मेरा भारत आज भी आतंकवाद के कारण जल रहा है, कुछ दिन पहले कुत्तों के जमात का एक कुत्ता नेता घूस लेकर भूकने के इल्जाम में गले में पट्टा लगवा लिया. इनके दल में तो अलग-अलग काम के लिय अलग अलग कुत्ते हैं, इसी समूह के कुछ कुत्ते विधान सभा में बड़े शां से ब्लू फिल्म देख कर समाज की सेवा कर रहें हैं. अरे भईया यहाँ तो कुत्ते की कई दुर्लभ नस्ले मौजूद हैं, जहाँ पासे लेकर या दे कर कुत्तों से भुक्वाया जाता हो वो कुता तो कें… कें……. कें……….. करे गा ही, क्यों कि चोरों को सारे नजर आतें हैं चोर.
आजकल के कुत्ते बड़े कुत्ते हैं