निर्मल जीत सिंह नरुला उर्फ़ निर्मल बाबा ने इस बार भी अदालत में उन्हीं घिसे-पिटे तर्कों का सहारा लिया है जिनके सहारे उन्होंने अमेरिकी वेबसाइट हबपेजेस के खिलाफ़ एकतरफा मुकद्दमे में स्टे हासिल किया था। अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार किया जा रहा है।
याचिकाकर्ता निर्मल बाबा ने इस मामले में जस्टिस कैलाश गंभीर की बेंच के सामने अर्जी दाखिल कर कहा है कि वादी का 30 टीवी चैनलों में प्रोग्राम आता है। उनके फेसबुक पर 3 लाख 70 हजार फॉलोअर्स हैं। दिलचस्प बात ये है कि इन विज्ञापनों को प्रोग्राम बताकर और फेसबुक पर फर्ज़ी कैम्पेन चलाने की कहानी सुनाकर बाबा खुद को प्रतिष्ठित बता रहे हैं। निर्मलजीत नरुला के वकील के मुताबिक उनके मुवक्किल के खिलाफ न्यूज पोर्टल में दी गई सामग्री से उनकी मानहानि हुई है और उन पर बेबुनियाद और मनगढ़ंत आरोप लगाए गए हैं। याचिका में कहा गया है कि न्यूज पोर्टल में दी गई ऐसी तमाम सामग्री हटाए जाने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि काफी अरसे से भड़ास मीडिया में करीब 80 आपत्तिजनक लेख लिखे गए हैं। इतना ही नहीं, लेख में ऐसी सामग्री प्रकाशित है, जो मानहानि की श्रेणी में आती है। उन्होंने अदालत से मुवक्किल को 21 लाख रुपये बतौर मानहानि मुआवजे की मांग की है। ग़ौरतलब है कि भड़ास4मीडिया.कॉम ने भी ‘FRAUD NIRMAL BABA’ शीर्षक से एक सीरीज़ चला रखी है जिसमें इस ढोंगी बाबा की पोल खोलने वाले कई लेखकों और पोर्टल के संपादक यशवंत सिंह के कई आलेख प्रकाशित हैं।
उधर यशवंत सिंह ने मीडिया दरबार को बताया कि अभी उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है और उन्हें भी यह बात मीडिया से ही पता चली है।
हा हा हा निर्मल की हालत ऐसी है की "खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे".