महंगाई की मार से जूझ रही जनता पर बड़ी मार पड़ी है। तेल कंपनियों ने बुधवार की शाम को पेट्रोल की कीमत में 7.50 रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी की घोषणा की है। बढ़ी हुई कीमतें बुधवार आधी रात से लागू हो जाएंगी।
कंपनियों ने कहा कि उन्होंने पेट्रोल के दाम 6.28 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिए हैं। इसमें स्थानीय बिक्रीकर या मूल्यवर्धित कर (वैट) शामिल नहीं है। इनको जोड़ने के बाद मूल्यवृद्धि 7.50 रुपये प्रति लीटर बैठेगी। फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल का दाम 65.64 रुपये प्रति लीटर है, जो अब बढ़कर 73.14 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा। मुंबई मे इसके लिए 78.16 रुपए चुकाने होंगे।
डॉलर के मुकाबले रुपये के लगातार गिरते स्तर का प्रभाव पेट्रोल की कीमतों पर पड़ ही गया। तमाम राजनीतिक दबावों को दरकिनार कर तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी की है। पेट्रोल बुधवार आधी रात से 7.50 रुपये प्रति लीटर महंगा हो जाएगा। डीजल और एलपीजी दाम नहीं बढ़ाए गए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि इनकी कीमतों में कभी भी बढ़ोतरी हो सकती है।
गौरतलब है कि बुधवार को रुपया डॉलर के मुकाबले रेकॉर्ड 56 रुपये के पार पहुंच गया। अर्थशास्त्रियों ने आशंका जताई है कि रुपये में और कमजोरी आ सकती है। यह प्रति डॉलर 60 रुपये के स्तर तक गिर सकता है। बुधवार को एक वक्त रुपया एक डॉलर के मुकाबले 56.21 रुपये के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया था, जो अब तक की रुपये की सबसे बड़ी गिरावट है।
तेल कंपनियों को अब पेट्रोल पर करीब 12 रुपये और डीजल पर 15 रुपये प्रति लीटर का घाटा हो रहा है। 2011-12 में तेल कंपनियों को 1,38,541 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। सरकार ने 83,500 करोड़ की भरपाई की।
लेफ्ट पार्टियों ने पूरे देश में इस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन की घोषणा की है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने तेल कंपनियों के इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है।
इससे पहले सोमवार को पेट्रोलियम मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने कहा था कि रुपये में गिरावट की वजह से तेल आयात बिल बढ़ रहा है, ऐसे में ईंधन कीमतों में तत्काल वृद्धि की जरूरत थी। हालांकि, मंत्री ने यह नहीं बताया कि कीमतों में बढ़ोतरी कब की जाएगी। रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा था कि मूल्य वृद्धि बेहद जरूरी थी, लेकिन हमें राजनीतिक दलों से बात करनी थी। सरकार ने जून, 2010 में पेट्रोल मूल्य नियंत्रणमुक्त कर दिए थे।
पेट्रोल के दाम में आखिरी बार बढ़ोतरी पिछले साल 4 नवंबर को की गई थी। हालांकि, इस दौरान कच्चे तेल के दाम में 14 फीसदी इजाफा हुआ है वहीं डॉलर की तुलना में रुपया सात फीसदी कमजोर हुआ था। डीजल, मिट्टी तेल और रसोई गैस के दाम आखिरी बार पिछले साल जून में बढ़ाए गए थे।
रेड्डी ने बताया था कि यदि डॉलर की तुलना में रुपया एक रुपये कमजोर होता है, तो पेट्रोलियम कंपनियों को सालाना 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। रुपया इस समय गिरकर 55 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया था, जबकि पिछले साल यह 46 रुपये प्रति डॉलर पर चल रहा था। इस तरह रुपये में गिरावट से पेट्रोलियम कंपनियों को 72,000 करोड़ रुपये का नुकसान बैठता है। (नभाटा+हिंदुस्तान)
किस शहर में क्या होगी पेट्रोल की कीमत:-
दिल्ली – 73.14 रुपए प्रति लीटर
मुंबई – 78.16 रुपए प्रति लीटर
कोलकाता – 77.53 रुपए प्रति लीटर
चेन्नै – 77.05 रुपए प्रति लीटर
लखनऊ – 77.32 रुपए प्रति लीटर
मेरे प्यारे देश के , मेरे प्यारे प्यारे मंत्रियो ,संतरियो और नेताओ को अपनी जेब से ….. गाडियो में पेट्रोल डलवाना पड़े तो पता लगे की क्या भाव है ??
उनके सारे काम सरकारी गाडियो में हो जाते है ? जनता की कोण सुनने वाला है ??
मेरे प्यारे देश में प्यारी , भोलीभाली जनता युहीं चिलाती है ….
चिलाते चिलाते ही पेट्रोल पम्प पर लम्बी लम्बी लाइन लगा जाती है
NARESH KUMAR SHARMA
very shameful act of our govt.
Look on the government doing the gud things now a days
its a shame on our government
Ye sarkar desh or public ko loot kar poore tarah barbaad kar degi.
Aur Kitna Tel Nikalegi UPA govt. Apne 3rd B'day par.