दिल्ली हाईकोर्ट ने इस सीडी के प्रसारण पर रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 21 मई को होगी। हाईकोर्ट की जस्टिस रेवा खेत्रपाल के मुताबिक अगली सुनवाई तक मीडिया हाउस, उनके एजेंट व मीडिया हाउस से जुड़े अन्य लोग इस सीडी के बारे में न छाप सकते हैं और न ही उसे प्रसारित कर सकते हैं। इसके अलावा कथित सीडी के अंश भी ट्रांसफर नहीं किए जा सकते।
सिंघवी और उनके मित्र अभिमन्यु भंडारी ने सीडी पर रोक के लिए याचिका दायर की थी। इस कथित सीडी कांड में सिंघवी के पूर्व ड्राइवर की भूमिका बताई जा रही है। कोर्ट के मुताबिक यदि इस सीडी के कंटेंट पर इस तरह की रोक न लगाई गई तो सिंघवी की प्रतिष्ठा और साख को खतरा है। 21 मई को इसकी सुनवाई होगी जिसके लिए मीडिया हाउस और सिंघवी के पूर्व ड्राइवर को नोटिस भेजा गया है।
एक वरिष्ठ वकील ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सीडी में सिंघवी के साथ एक प्रतिष्ठित महिला वकील भी मौजूद हैं। उन्होंने सवाल किया कि अगर अभिषेक पाक-साफ हैं तो उन्हें ये स्टे लाने की जरूरत क्या है? उधर आजतक के सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पहले ही इसे न चलाने का फैसला कर लिया था क्योंकि उनका उद्देश्य किसी की निजता का उल्लंघन करना नहीं है। ग़ौरतलब है कि आजतक के निदेशकों और वरिष्ठ पत्रकारों से अभिषेक मनु सिंघवी के पुराने मधुर संबंध रहे हैं।
याचिका में सिंघवी ने कहा है कि उन्हें कुछ राजनेताओं से पता चला है कि एक मीडिया हाउस के पास उनकी कथित सीडी है। यह सीडी जाली है। इसे मॉर्फ व फेब्रिकेट किया गया है। इसे टेलीकास्ट या ब्रॉडकास्ट करने का कोई भी कदम सिंघवी के प्रतिष्ठा के अधिकार का हनन होगा। सिंघवी पहली बार 4 अप्रैल 06 से 3 अप्रैल 2012 तक राज्यसभा सदस्य रहे। हाल ही दोबारा निर्वाचित हुए हैं। बीते दिनों वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बदलाव को लेकर दिए गए बयान से चर्चा में आए थे। अभिषेक मनु मशहूर संविधानविद स्व. लक्ष्मीमल्ल सिंघवी के बेटे हैं और मूल रूप से जोधपुर के हैं।
Thanks to the social media for bringing out the matter and forcing Mr. Singhvi to step down
हुजुर अगर आपके पास है तो शिग्र प्रेषित करें …छपेगी