केंद्र सरकार ने कहा है कि प्रिंट मीडिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मौजूदा 26 फीसदी से आगे बढ़ाने के लिए सर्व सम्मति नहीं है। सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि प्रिंट मीडिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मौजूदा 26 फीसदी से आगे बढ़ाने के लिए सर्व सम्मति नहीं है। इस संबंध में बहस पूरी नहीं हुई है।
हालांकि विदेशी समाचार पत्रों को भारत में फैक्सिमाइल यानि वायर एडिशन निकालने की अनुमति दी गई है, लेकिन उन्हें यहां के विज्ञापन और समाचार पर आधारित संस्करण की अनुमति नहीं मिलेगी। ये प्रकाशन भी शत प्रतिशत भारतीय स्वामित्व वाली कंपनी ही कर सकती है।
अंबिका सोनी ने माना कि इंटरनेट की वजह से दुनिया भर के अखबार आसानी से भारत में उपलब्ध है और खबरों की दुनिया मुट्ठी में सिमट गई है, लेकिन उन्होंने ये भी जोड़ा कि अखबारों के लिए जो नियम तय हैं उन्हें बदले बिना प्रकाशन की अनुमति नहीं मिल सकती।
उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया की नीति के अनुसार, समाचार और समसामयिक मामलों को देखने वाले विदेशी समाचारपत्रों को अपने भारतीय संस्करण निकालने की अनुमति नहीं दी गई है। सोनी ने कहा कि इन उपायों से घरेलू समाचार पत्र उद्योग को फायदा हुआ है।
उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के सभी प्रयास कर रही है कि उर्दू और क्षेत्रीय भाषाओं के समाचारपत्रों को अधिक से अधिक सरकारी विज्ञापन दिए जाएं।