-अनुभा जैन॥
अपनी यात्रा दौरान मैं श्रीनगर की निगीन झील में हाउसबोट में भी रही। लाजवाब शाकाहारी खाने, 24 घंटे केयरटेकर जैसी सुविधाओं के साथ मेरा हाउसबोट स्टे बेहद आरामदायक व मनोरंजक रहा। मेरा केयरटेकर राजू जो एक बंगाली अधेड़ उम्र का व्यक्ति था मेरी हर मदद के लिये तैयार रहता। शिकारा, एक छोटी नाव से हाउसबोट तक जाना हर बार मुझे उत्साहित करता था। हाउसबोट के डैक पर सुबह के नाश्ते के साथ मैनें एक ओर एकदम शांत वातावरण, चिड़ियाओं की चहचहाहट महसूस की वहीं समय समय पर सामान बेचने वालों की कतार भी रही। मेरे होटल की खिड़की या हाउसबोट से बेहद करीब मेरी नजरों के सामने स्नो ग्लेशियर्स को देख हर बार मैं बहुत अचंभित महसूस करती।
शिकारा से मैंने डल लेक के घाट 17 से मीना बाजार या फ्लोटिंग मार्केट का विचरण भी किया। यहां कतार में दुकाने मिली पर अचरच करने वाली बात यह थी कि पूरा बाजार नावों पर सुसज्जित था। कश्मीरी हैंडीकराफ्ट आइटम, पशमीना शॉल व ऊनी कपडों, फूल, केशर और कई तरह के मसालों आदि की दुकानें नावों पर थीं। पहलगाम जाते हुये मेरे ड्राइवर फैंजल ने मुझे सेवों के पेड़, केसर के फार्म दिखाने के साथ बड़े ही गर्व के साथ हिंदी सिनेमा जैसे मिशन कश्मीर के स्पॉट्स और बजरंगी भाईजान की मशहूर दरगाह और मुन्नी किरदार के घर और बाजार की गलियां दिखायी जहां फिल्म की शूटिंग हुयी थी। इस दौरान मैने कश्मीर की प्रसिद्ध कहवा चाय का स्वाद चखा। विशेष कश्मीरी मसालों, हर्बस्, केसर, हनी से बनने वाली यह चाय ड्राय फ्रुट या मेवों के साथ सर्व की जाती है। हल्की मीठी और मसालों से बनी इस कड़क चाय की सुगंध बेहतरीन होने के साथ यह कश्मीर के ठंड को सहन करने के लिये भी बेहद कारगर है।
मैंने श्रीनगर और पहलगाम के बीच विष्णु को समर्पित अवंतीस्वामी मंदिर के खंडित स्मारक को देखा जिसे अवंतीपुरा के संस्थापक अवंतीवर्मन ने 854-883 ईसवी में बनवाया था। मंदिर की महीन कारीगरी, मूर्तियां और स्मारक देखने लायक हैं। श्रीनगर में मैने कश्मीर हस्तशिल्प एंपोरियम से कुछ बेहद खूबसूरत पेपर मैशी पर महीन नक्काशी से सुसज्जित सामान खरीदे। यह सुदंर होने के साथ काफी महंगे भी होते हैं क्योंकि इन पर बारीक चित्रकारी के साथ पेंटिंग के लिये काम में लिया जाने वाला ब्रश बिल्ली की मूंछों के सिर्फ दो बालों से बनाया जाता है।
इन 10 दिनों की जम्मू कश्मीर की यात्रा के दौरान बेहतरीन अनुभवों के साथ मैने कुछ ऐसी सुंदर यादों को भी संजोया जिन्हें भुलाना मेरे लिये नामुमकिन होगा।
Leave a Reply