इन दिनों राजस्थान में भंवरी देवी हत्याकांड की जांच को लेकर जो गहमागहमी है उसमें सुबूत और जांच कम, बाजार में घूम रही टेलीफोन रिकॉर्डिंग की सीडी ज्यादा हावी है। इंद्रा-भंवरी संवाद की सीडी ने ही पूर्व मंत्री मदेरणा की जड़ खोदी थी, लेकिन अब तक सीबीआई कोई ठोस सुबूत नहीं खोज पाई। इन दिनों एक और ऑडियो सीडी बाजार में है जिसमें एक बिचौलिए सोहनलाल और भंवरी में बातचीत हो रही है। सीडी में भंवरी 7 सितंबर से पहले पैसे मांगती है। बताया जाता है कि इस बातचीत के कुछ दिन बाद भंवरी सोहनलाल के गांव गई थी और तभी से गायब है।
बातचीत इस प्रकार है :-
भंवरी: कब तक पैसे मिलेंगे?
सोहनलाल: मैंने बात की है (मदेरणा से) और वो तैयार हैं।
भंवरी: पर..पैसे लेकर कौन आएगा?
सोहनलाल: आप इन सबमें मत पड़ो। मैं खुद उनसे पैसे लूंगा और लाकर दूंगा। अगर कोई और बीच में आएगा तो वो भी फायदा उठाएगा। कोई भी इतना सारा पैसा बिना किसी मकसद के नहीं देगा। चुनाव का वक्त भी नहीं है कि लगे फंड का पैसा है। एकाध लाख की बात हो तो समझ में आता है। इतनी बड़ी रकम नहीं।
भंवरी: कोई गड़बड़ ना हो, दो-तीन लोगों को शामिल करना चाहिए।
सोहनलाल: ठीक है। एक आदमी मेरी, एक आपकी तरफ से।
भंवरी: पर मेरे भरोसे के आदमी तो सिर्फ आप हो।
सोहनलाल: ठीक है। पैसे की बातचीत हम दोनों के बीच में ही रहेगी। बाद में मैं कुछ पैसे ले लूंगा।
भंवरी: ये दूसरी बात है।
सोहनलाल: अच्छा.. मुझे गांव जाना है। नौ बजे फोन करूंगा।
भंवरी: ठीक है। देसी घी लेते आना।
सोहनलाल: पक्का। छह-सात किलो घी अगले दिन भिजवा दूंगा।
भंवरी: वो इंद्रा है ना, मलखान की बहन, वो मुझे बदनाम कर रही है कि मैंने मलखान से पैसे लिए हैं। वो मेरा परिवार बर्बाद करवा देगी। वो ओसियां वाला एसएचओ लाखाराम कहां है आजकल?
सोहनलाल: लेकिन मैं उसे नहीं जानता..
भंवरी: लखाराम भरोसे का आदमी है..और बोरुंदा में है..
सोहनलाल: ठीक है। लाखाराम को बोलना कि वो बनिए, कैलाश महेश्वरी..को इस खेल में मत मिलाना..वो मदेरणा का करीबी है..
भंवरी: ठीक है..लेकिन मैं 7 सितंबर के खेजड़ली मेले से पहले सबकी पोल खोल दूंगी..इतना बदनाम कर दिया है मुझे..
सोहनलाल: मैंने तो सुना है कि तुमने डेढ़ करोड़ रुपए लिए हैं..
भंवरी: नहीं मैंने तो अभी तक एक पैसा भी नहीं लिया है..
सोहनलाल: इलाके में तो खबर है कि तुमने काफी पैसा लिया है..
भंवरी: नहीं..पर वो मदेरणा जी नहीं आ रहे हैं..
सोहनलाल: मैंने उनसे बात की थी..उनको जोधपुर आना है..वो अन्ना के अनशन की वजह से मीटिंग कर रहे हैं..
भंवरी: ठीक है उनको दो दिन का वक्त दे देते हैं..मैं आपको कुछ बताना चाहती हूं पर भूल गई..
सोहनलाल: क्या कुछ जरूरी था..
भंवरी: याद आएगा तो बता दूंगी.. सोहनलाल: मेरा गैंग पावरफुल होता जा रहा है..
भंवरी: कौन सा गैंग..
सोहनलाल: बंटी गैंग।
भंवरी: मैं लीला (मदेरणा की पत्नी) और कुसुम (मलखान के भाई की पत्नी) से मिली थी..मैंने उनको बताया कि मेरी कोई गलती नहीं है..
सोहनलाल: अच्छा। पर अकेले किसी से मिलने मत जाया करो..पीछे बच्चे अकेले होते हैं..दूसरा ये भरोसे के आदमी नहीं हैं..अच्छा तुम बाबू को उनके जयपुर वाले पते पर एक चिट्ठी और सीडी की एक कॉपी भेजो..बाबू अभी जयपुर में हैं..इसमें मुझे भी बदनाम किया जा रहा है क्योंकि मेरा काफी पैसे का नुकसान हुआ है..
भंवरी: ये सब इंद्रा का किया-धरा है..पर आप चिन्ता ना करो..
सोहनलाल: नहीं। मुझे कोई चिंता नहीं है..कितनी सीडी हैं? चार?
भंवरी: सिर्फ दो सीडी हैं..दोनों अजमेर के लॉकर में हैं..मैं लॉकर का कोड बता दूंगी। मुझे कुछ हो जाए तो वो सीडी निकाल लेना..
सोहनलाल: पर राजू भाई कह रहे थे कि चार सीडी हैं?
भंवरी: नहीं। सिर्फ दो ही है..और अगर वो समझौते के लिए तैयार हो जाते हैं तो दोनों सीडी उन्हें सौंप दूंगी..नहीं तो एक, दो, तीन..अगर वो दोनों (मदेरणा और मलखान) हाथ मिला रहे हैं तो मैं क्यों ना फायदा उठाऊं..
सोहनलाल: हां ये ठीक है..मैं या तो आज शाम को या फिर कल सुबह तुमसे मिलने आऊंगा…
सोहनलाल विश्नोई पीएचईडी में ठेकेदार है। बिलाड़ा तहसील के तिलवासनी गांव में रहने वाले सोहनलाल को लापता एएनएम भंवरी देवी ने धर्म भाई बना रखा था। सोहनलाल राज्य के बर्खास्त मंत्री महिपाल मदेरणा का करीबी और लूणी विधायक मलखानसिंह का फुफेरा भाई है।
बताया जाता है कि महिपाल मदेरणा का करीबी होने के कारण ही वह भंवरी देवी का मदेरणा से समझौता करवाना चाहता था। वह करीब तीन साल से भंवरी देवी के संपर्क में था। भंवरी अपहरण मामले में उसे सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था। वह अभी जेल में है।
उत्तर प्रदेश में भी एक ऐसा ही मामला तेयार हो गया है , & जल्द ही यह सी.डी. सबके सामने आने वाली है………
बी. जे. पी. के एक विधायक की फिल्म तैयार हो चुकी है…………
लखनऊ में बैठे आला नेताओं को भी इसकी जानकारी हो चुकी है.
बस समय का इंतज़ार है…………
यही तो इस देश के लोगो का चरित्र है पाहिले साथ चलते है फिर स्वार्थ सिध्ही के लिए गला दबा देते है और अब तो सामाज में लोगो के पास निष्ठां जैसी कोई चीज भी नहीं रह गयी अपना कम काम निकालो चलते बनो कौन मरता है इससे क्या