-हिना ताज।।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का आज 69वां संस्करण प्रसारित किया गया । जो एक बार फिर ट्रोल्स के हत्थे चढ़ गया है। पीएम मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में आज कथा शास्त्र को घर घर में शुरू करने की बात कही। उन्होंने कहा कि घर में अच्छा वातावरण बनाने के लिये सभी लोग हर सप्ताह घर में कहानी वाचन के लिये कुछ समय निकालें। उन्होंने इस दौरान विवादित कृषि सुधार बिलों पर एक बार फिर सफाई देने का भी काम किया। पर शायद लोगों को अब मोदी के मन की बात से ज़्यादा उनके हित की बात सुननी है। रोजगार, शिक्षा, महंगाई जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार क्या कर रही है यह सुनने के लिये जनता ज़्यादा उत्सुक है। इसलिये पिछली बार खिलौना बाज़ार को बड़ा करने के आइडिये से त्रस्त जनता ने इस बार भी मोदी जी के मन की बात को फ्लॉप करने की ठान ली है। प्रधानमंत्री के यूट्यूब ऑफिशियल चैनल्स पर ट्रोल्स एक्टिव हो गये हैं और धड़ा धड़ा डिसलाइक का सिलसिला भी फिर से शुरू हो गया है।
डिसलाइक से मोदी को लगता है डर
बीजेपी की अराजकतावादी सरकार के राज में जहां व्यक्ति को बोलने की आज़ादी नहीं तथा बोलने के बदले जहां जनता के प्रतिनिधियों या सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया जाता है वहां अब जनता ने मोदी की इन कुटिल नीतियों के खिलाफ डिसलाइक के एक अनूठे हथियार को इजाद कर लिया है। जनता का सरकार की विफलताओं के लिये अपनाया गया यह तरीका इतना हिट हुआ कि इसने बीजेपी की नींद उड़ा दी। पिछली बार पीएम के मन की बात को 1 लाख 99 हज़ार लोगों ने डिस्लाइक किया था जिसके बाद बीजेपी ने अपने सभी आधिकारिक हैंडल्स के कमेंट और लाइक सेक्शनों को छिपा दिया था। इस बार भी जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम की शुरूआत हुई लोगों ने बीजेपी की विफलताओं और पीएम मोदी को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया। फिलहाल नरेंद्र मोदी के ऑफिशियल यूट्यूब अकाउंट पर 80 मिनट में 7 हज़ार 600 डिस्लाइक दर्ज किये गये हैं वहीं पीएमओ इंडिया के चैनल पर 2 हज़ार 100 लोगों ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को डिस्लाइक किया है, साथ ही इस चैनल पर लोगों की प्रतिक्रिया के सेक्शन को भी सार्वजनिक सेटिंग से हटा दिया गया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के यूट्यूब चैनल पर भी कार्यक्रम को पसंद से ज़्यादा लोग नापसंद कर रहे हैं और यह सिलसिला अभी जारी है।
मोदी पर फूट रहा जनता का गुस्सा
मोदी जी के मन की बात कार्यक्रम के कमेंट बॉक्स को हालांकि बीजेपी के ऑफिशियल चैनल्स से अब छिपा लिया गया है, लेकिन लाइव के दौरान जब कमेंट बॉक्स सार्वजनिक था तब जनता ने जमकर बीजेपी सरकार पर ज़ुबानी हमले किये । कई लोगों ने बीजेपी को तानाशाही पार्टी बताया तो कई ने जनता के पैसे को अंबनी अडानी के विकास में लगा देने की बात कही। कई लोगों ने मोदी को एक फेंकू प्रधानमंत्री तक कह डाला वहीं ज़्यादातर लोग यह कहते देखे गये कि उन्हें मन की बात नहीं जनता की बात सुननी है, मोदी जी नौकरी की बात क्यों नहीं करते ? इस दौरान कई किसानों ने भी मोदी जी के कार्यक्रम पर गुस्सा निकालते हुए उसे नापसंद किया । मन की बात कार्यक्रम पर डिस्लाइक की बारिश करने आई जनता ने यह भी बताया कि वह देश के किस हिस्से से कार्यक्रम को नापसंद करने आए हैं। लोगों ने कार्यक्रम को नेपाल, यूगांडा, बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान सहित कई प्रांतों से डिस्लाइक किया तो एक ने लिखा कि वह इस कार्यक्रम को प्रशांत महासागर के मेरियाना गर्त की तली से डिस्लाइक कर रहे हैं।
कुल मिलाकर मोदी जी के मन की बात कार्यक्रम के ज़रिये जनता ने बीजेपी की अस्वीकार्यता का आगाज़ किया है। जनता ने बीजेपी के सोशल प्लेटफॉर्म को और प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को अपनी आवाज़ बनाने का एक मंच बना लिया है जहां से वह अपनी बदहाली और बेबसी को खुले रूप से सरकार के सामने रख रहे हैं। हालांकि जनता के इस आक्रोश से मोदी सरकार बेहद डरी हुई है फिर भी जनता की आवाज़ दबाने वाली बीजेपी को अब यह समझ जाना चाहिये कि जन प्रतिनिधियों को भले ही वह चुप कराने के लिये कई गैरकानूनी हथकंडे अपना लें लेकिन देश की जनता का मुंह अब वह नहीं पकड़ सकती क्योंकि जनता की आवाज़ उठाने वाले वह चंद मुट्ठी भर लोग हैं जिन्हें मोदी की तानाशाही सत्ता ने जेलों में ठूंस कर उनकी आवाज़ को दबाया लेकिन अब देश के अरबों लोगों की आवाज़ को दबाने की ताकत उसमे भी नहीं है। 80 के दशक में दूरदर्शन पर बच्चों के लिये बनाए गए जिंगल में एकता में अनेकता का सूत्र दिया गया था जो आज चरितार्थ हो रहा है। जब नरेंद्र मोदी और बीजेपी के कुशासन से परेशान जनता ने एक होकर इनको सबक सिखाने की ठान ली है और घर घर में कहानी सुनाने की बजाए बीजेपी की कहानी को खत्म करने के का परचम बुलंद कर लिया है।
Pehley to aadhar card dob correction dusree baar nahee sudhar karvaaney kaa neyam galat hai jisko inhey badalnaa cchaheyey