-विजेता राजभर।।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश जिसके अंतर्गत दिल्ली के रेलवे ट्रैक पर बसी हुई 48000 झुग्गियों को तोड़ने का फरमान लाया गया है । इस आदेश के खिलाफ 20 सितम्बर को बस्ती बचाओ संघर्ष कमेटी के बैनर तले कीर्ति नगर और जखीरा रेलवे ट्रैक की पास की बस्तियों में अभियान चलाया गया। जिसमें इंकलाबी मजदूर केंद्र और पछास के कार्यकर्ताओं की भागीदारी रही। इस अभियान में व्यापक रूप से पर्चा वितरण का काम किया गया और नुक्कड़ सभाओं के द्वारा लोगो को एकजुट करने का भी प्रयास किया गया। क्योंकि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा एक महीने तक झुग्गियों को तोड़ने के फैसले को सिर्फ टाला गया है उनको रद्द नहीं किया गया है। जिसके कारण यहां के लोगों में भारी आक्रोश है।
यहां के स्थानीय लोगों का मानना है झुग्गियों के टूटने से सिर्फ उनके सर से छत ही नहीं छीनी जाएगी बल्कि उनके रोजगार के साधन और उनके बच्चो की शिक्षा भी बर्बाद हो जाएगी। 30 साल से भी अधिक समय तक इन झुग्गियों में रहने वाली सुदामा देवी बताती है कि यहां हमारा घर है इतने सालों में हमने अपनी एक पहचान बनाई है इज्ज़त बनाई है जो झुग्गी टूटने से एक झटके में ख़तम हो जाएगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि दिल्ली में जितने भी दल जीत कर आए हैं सबने हमसे वादा किया था कि झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी खुद मोदी जी ने जहां झुग्गी वहीं मकान का नारा दिया था। इस प्रकार बस्ती बचाओ संघर्ष कमेटी झुग्गियों में रहने वाले स्थानीय लोगों की ही कमेटी है जिनका मुख्य मुद्दा 48000 झुग्गियों और उसमें रहने वाले 2.5 लाख गरीबों को उजाड़ने वाले इस फैसले को रद्द कराने के लिए संघर्ष और लोगों को एकजुट करना है।