+नवेद शिकोह।।
लखनऊ के मीडियाकर्मीं मौत की आंधी में सहम से गये हैं। कोरोना की दहशत, बेरोजगारी और आर्थिक तंगी की मुसीबतों के बीच मौतों का सिलसिला तेज होता जा रहा है।
इधर क़रीब एक महीने में तकरीबन डेढ़ दर्जन मीडियाकर्मियों और उनके परिजनों की मौतें हो चुकी हैं। सिर्फ आज मीडिया से संबधित चार लोगों का देहांत हुआ।
टाइम्स ऑफ के वीरेश रावत की कोराना से मौत हो गई। लखनऊ के ही राष्ट्रीय प्रस्तावना के युवा पत्रकार संजीव शर्मा नही रहे। वरिष्ठ पत्रकार मुदित माथुर जी की माता जी आज चल बसीं। इसके अलावा यूपी प्रेस क्लब में तीन दशक से सेवायें देने वाले ऊदल की भी मौत हो गई।
बीते सोमवार को वरिष्ठ पत्रकार हेमेंद्र सिंह तोमर के पिता जी का कोराना में स्वर्गवास हुआ था। बीते मंगलवार लखनऊ दूरदर्शन में तीन दशक से न्यूज रीडर सैय्यद अहमद मेहदी का इंतेक़ाल हुआ।
कुछ दिन पूर्व इंडिया टुडे/आजतक के निलाशुं शुक्ला की कोरोना ने जान ले ली थी।
पीटीआई के अमृत दुबे तेज़ बुखार में दुनिया छोड़ गये।
एक सप्ताह के दौरान ही दैनिक जागरण के शोभित श्रीवास्तव और पायनियर के शिव विजय सिंह की माता जी का स्वर्गवास हुआ।
लखनऊ में लम्बे समय तक पत्रकारिता करने वाले माधवकांत मिश्र के जाने से इस शहर की पत्रकारिता को ठेस पहुची। इसके अलावा जी न्यूज के कैमरामैन रज्जन लाल, मनोज मिश्रा, पत्रकार/संपादक एस. एल. सिंह, प्रमोद सिंह और शफीकुर्रहमान इत्यादि मीडियाकर्मियों की मौत कुछ ही दिनों के दौरान हो चुकी है।
कई दिनों से हर दिन किसी नाकिसी के मरने की खबर आ रही है।
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