स्वतन्त्रता दिवस 15 अगस्त 2020 की संध्या पर होगी 'पीपल्स मिशन' के पहले 'क्रांतिकारी शिव वर्मा मीडिया पुरस्कारों की घोषणा। इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट एवं कार्टून आदि क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए दिए जाने वाले इन पुरस्कारों की संख्या 7 है।
कॉ० शिव वर्मा (1904-1997) शहीद भगत सिंह के प्रमुख क्रांतिकारी साथियों में शुमार थे। ब्रिटिश हुकमरानों ने उन्हें लाहौर षड्यंत्र केस 2 के आरोपी के रूप में 'काला पानी' की सजा देकर अंडमान निकोबार की कुख्यात सेल्युलर जेल भेज दिया था। श्री वर्मा भारत के दीर्घकालीन स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेज़ शासकों के जुल्मों के सामने बिना डरे और बिना माफ़ी मांगे जीवित बाहर आने वाले एकमात्र स्वतन्त्रता सेनानी थे। यहां यह भी याद रखने की बात है कि स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले 'राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ' (आरआरएस) के एक अदद 'पोस्टर बॉय' विनायक दामोदर सावरकर को भी इसी जेल में भेजा गया था जहां से यह 'स्तंत्रयवीर' ढेरों लिखित माफी मांग कर छूटे थे।
सन 2016 में कम्पनीज़ एक्ट के तहत गठित 'नॉन प्रॉफिट उद्देश्यों' वाले 'पीपल्स मिशन' के साथ साहित्य, लेखन, पत्रकारिता, अर्थशास्त्र, कृषि, पर्यावरण, स्वास्थ्य क्षेत्रों और ट्रेड यूनियन आंदोलनों से निकले विशिष्ट व्यक्तियों का जुड़ाव है। रांची के 'भाषा प्रकाशन' जुड़े व्यवसायी उपेंद्र प्रसाद 'कम्पनी' के चेयरमेन हैं जबकि वरिष्ठ लेखक-पत्रकार और ट्रेड यूनियन नेता चंद्रप्रकाश झा इसके मेनेजिंग डायरेक्टर हैं। दोनों ही 'जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय' के पूर्व छात्र हैं। बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर में अर्थशास्त्री और 'इकोनॉमिक टाइम्स' के पूर्व सहायक सम्पादक गोदा रमन्ना, 'हिन्दू कॉलेज' ,नयी दिल्ली के पूर्व प्राध्यापक प्रो० ईश मिश्रा, स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ०राजचन्द्र झा, विशाखापट्टनम की व्यवसायी रेनू गुप्ता, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक विद्या छाबड़ा, वरिष्ठ पत्रकार रुचित्रा गुप्ता, कृषि विशेषज्ञ जसपाल सिद्दू, केरल के ट्रेड यूनियन नेता एसवी शशिधरन शामिल हैं।
(प्रेस विज्ञप्ति)