-प्रियांशु।।
केरल सरकार ने केंद्र द्वारा लागू नागरिकता (संशोधन) विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए इसे लागू नहीं करने का फैसला किया है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा कि उनकी सरकार ने विधेयक की “असंवैधानिक” प्रकृति के आधार पर निर्णय लिया था।
वहीं अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब की कांग्रेस सरकार ने भी कहा है कि, “यह कानून को देश के धर्मनिरपेक्षता को तोड़ देगा, जिसकी ताकत उसकी विविधता में निहित है”। सिंह ने ये भी कहा कि विधेयक भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर सीधा हमला था। और संसद के पास ऐसा “कोई अधिकार नहीं था” कि वह एक ऐसे कानून को पारित करे जिसे संविधान ने “अशुद्ध” करार किया हो और जिससे संविधान के मूल सिद्धांतों को ख़तरा हो।।
आपको बता दे कि ममता बनर्जी ने पहले ही ये घोषित कर दिया है कि वह कानून को किसी भी शर्त पर बंगाल में लागू नहीं करेगी।
और अब तिरुवनंतपुरम में, केरल के मुख्यमंत्री और सीपीएम नेता विजयन ने कहा: “इस तरह के असंवैधानिक कानून का केरल में कोई स्थान नहीं होगा। साथ ही केरल में इस तरह का कानून कभी लागू नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा, “हमारा राज्य ऐसा कुछ भी स्वीकार नहीं कर सकता है जो असंवैधानिक हो और जो लोगों को धर्म के आधार पर विभाजित करे।”
हालांकि गौर करने वाली बात ये है कि देश में किसी भी व्यक्ति को नागरिकता देने से संबंधित सारे नियम और कानून केंद्र सरकार के अन्तर्गत आते है। ऐसे में राज्य सरकारों द्वारा इसके लागू करने अथवा नहीं करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा और कोई भी राज्य सरकार इस बिल के मामले में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर पायेगी।