1090 हेल्पलाइन के बड़े दारोगा ने हादसे पर अपना दामन झाड़ा..
कामधाम धेला भर नहीं, सिर्फ कुर्सी तोड़ती है सरकार की पुलिस..
झूठ बोले सिकेरा, कहा कि कोई फोन ही नहीं आया तो क्या करूँ..
-कुमार सौवीर||
लखनऊ: 1090 यानी वीमन हेल्प लाइन के बड़े दरोगा हैं नवनीत सिकेरा। अपराध और शोहदा
सीकरा कहते हैं:- “एक की गुडम्बा थाना क्षेत्र में एक लड़की रानू (नाम बदला हुआ) ने शोहदों से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। इस प्रकरण में, रानू के पिता ने आरोप लगाया कि 1090 ने कोई मदद नहीं की। मैं स्पस्ट करना चाहता हूँ कि रानू की कोई कॉल 1090 को प्राप्त नहीं हुई है, ऐसी स्थिति में जब कोई शिकायत प्राप्त ही न हो मदद कर पाना असंभव है। रानू की कोई भी शिकायत 1090 में दर्ज नहीं है”
सिकेरा जी, जब आप फोन ही नहीं उठाएंगे तो हर फोन अनआन्सर्ड ही रहेगी ही। मेरे पास ऐसी पचासों शिकायत हैं, लेकिन आपके पास एक भी नहीं। और फिर जो दर्ज रिपोर्ट होती भी है तो आप करते क्या हैं उसका सिकेरा जी। कम से कम एक मामले में तो मैं जानता हूँ की उसमें 15 हजार वसूल लिया था आपके विवेचक ने। वह मेरी 84 वर्षीय माँ का मामला था जो अकेले ही रहती थीं और उसे एक अपराधी ने भद्दी गालियां देते हुए मकान खाली न करने पर जान से मार देने की धमकी दी थी। उस खबर पर पुलिस के प्रवक्ता और सूचना विभाग के कुख्यात चोंचलेबाज़ डिप्टी डायरेक्टर डा अशोक कुमार शर्मा ने इस डाल से उस डाल तक खूब कुलांचें भरी थीं, केवल प्रदर्शन के लिए।
ऐसे में आपकी ऐसी सफाई बहुत शर्मनाक लगती है। काम करना बहुत साहस का काम होता है। कुर्सी तो कोई भी तोड़ सकता है।
है कि नहीं बड़े दारोगा जी ?