-चन्दन सिंह भाटी।।
बाड़मेर, बाड़मेर जिले में संचालित सरकारी योजनाए अधिकारियो के घर भरने के लिए वरदान साबित हो रही हे।बाड़मेर जिले के सरहदी इलाको में हाल ही में सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत 37 ग्रेवल सडको के निर्माण के लिए सार्वजानिक निर्माण विभाग ने निविदाएं आमंत्रित की थी जबकि उक्त सभी योजनाए पूर्व में नरेगा योजना में एक बार नही दो दो बार बन चुकी हैं।मौके पर ग्रेवल सड़के मौजूद हे फिर भी बी ऐ डी पी स्कीम के रहत pwd द्वारा एस्टिमेट बना कर निविदाएं आमंत्रित की गयी।

एक सड़क की प्रति किलोमीटर रेट लगभग बारह लाख रुपये आती हे।37 सड़के पूर्व में बनी हुई हे।यानी बी ऐ डी पी का मार्का लगेगा जबकि अधिकारी और ठेकेदार मिल कर सरकारी पैसा हड़प जाएंगे। ठेकेदारों और अधिकारियो के बीच कमीशनखोरी का करार हो चुका है।अभी तक चूँकि निविदाएं खोली नही गयी मगर इन कार्यो पर काम पूरा हो चुका हे।सूत्रों के अनुसार एक ही सड़क तीन तीन बार बनेगी बिना काम करोडो रुपये बाँटेंगे।काम नरेगा का भुगतान फिर BADP से उठेगा।
जिला कलेक्टर बाड़मेर को चाहिए BADP में इन सैंतीस परियोजनाओं के स्वीकृति की जांच कराई जाए साथ ही तत्काल इन सडको को मौका रिपोर्ट मांगी जाए। इसके लिए उच्च स्तरीय अधिकारी से जान कराई जाए।सारा सच सामने आ जाएगा।करोडो रुपयो की हेरा फेरी होने जा रही हैं।