एक और विसलब्लोअर काले धन के मामले पर भारत सरकार की मदद करने को राजी हो गई है. यूबीएस फ्रांस बैंक की पूर्व पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर स्टेफनी गिबाउड ने एक भारतीय न्यूज चैनल से बातचीत में यह इच्छा जाहिर की है. एक हफ्ता पहले ही भारत सरकार ने एचएसबीसी के पूर्व कर्मचारी हेर्वे फालचियानी से मदद लेने का फैसला किया है.
हाल ही में यूबीएस फ्रांस बैंक पर फ्रांस के धनी लोगों को काला धन छिपाने में मदद करने के आरोप में एक अरब यूरो से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया था. इस मामले में गिबाउड ने अहम भूमिका निभाई थी.
गिबाउड ने भारतीय समाचार चैनल एनडीटीवी को बताया कि काला धन छिपाने के लिए दुनियाभर के लोगों की मदद करने वाले बड़े-बड़े बैंक भारत में अपना व्यापार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. एनडीटीवी के मुताबिक गिबाउड ने कहा, ‘मिसाल के तौर पर यूबीएस का मार्किटिंग केंद्र अब मुंबई में है. मैं भारतीय जांचकर्ताओं को बहुत अच्छी तरह समझा सकती हूं कि ग्राहकों तक पहुंचने के लिए क्या रणनीति बनाई जाती है और उनसे कैसे बात की जाती है.’
बैंक में अपने काम के बारे में भी गिबाउड ने कई खुलासे किए. उन्होंने बताया कि उनका काम अमीर ग्राहकों के लिए ऐसी चीजें हासिल करना था जिन्हें पैसे से नहीं खरीदा जा सकता, जैसे किसी ऐसे कॉन्सर्ट के टिकट जो महीनों पहले हाउस फुल हो चुका है. काम शुरू करने के नौ साल बाद 2008 में गिबाउड को अहसास हुआ कि वह दरअसल ऐसे इवेंट्स आयोजित कर रही थीं जिनका इस्तेमाल फ्रांस के अमीर लोगों की स्विस बैंकों के अधिकारियों से मीटिंग के लिए हो रहा था.