बरवाला: कानून और न्यायिक व्यवस्था का मखौल उड़ाने वाले रामपाल को गिरफ्तार करने की कोशिश में हरियाणा पुलिस आज नए सिरे से सतलोक आश्रम पर धावा बोलेगी. पुलिस ने रामपाल और उसके एक हजार समर्थकों के खिलाफ बरवाला में देशद्रोह समेत चार केस दर्ज किए हैं.
हरियाणा के डीजीपी एसएन वशिष्ठ ने कहा है कि रामपाल आश्रम में ही है. पुलिस आश्रम के भीतर नहीं घुसी और न ही पुलिस की ओर से अब तक कोई गोली चलाई गई है. डीजीपी ने कहा कि आश्रम ने चार महिलाओं के शव सौंपे हैं, इनके अलावा एक महिला और एक बच्चे की भी मौत हुई है.
उन्होंने कहा कि हम अब भी कह रहे हैं कि रामपाल सरेंडर कर दे. डीजीपी ने यह भी कहा कि निर्दोष लोगों के जानमाल को बचाए रखना उनकी प्राथमिकता है, लेकिन रामपाल को गिरफ्तार करने की कार्रवाई जारी रखी जाएगी.
दरअसल, मंगलवार रामपाल समर्थकों के आगे लाचार हुई पुलिस ने बीती शाम अपना अभियान रोक दिया था. कल की घटना के बाद आज भी पुलिस और रामपाल समर्थकों के बीच टकराव के आसार हैं.
इस बीच रामपाल कहां हैं और इतने हंगामे के बाद भी क्यों सामने नहीं आ रहे हैं, ये बड़ा सवाल बना हुआ है. वहीं दूसरी ओर हजारों की संख्या में रामपाल समर्थक आश्रम छोड़ कर जा चुके हैं. आसपास के लोगों ने बताया कि करीब 10 हजार लोगों ने रात में आश्रम छोड़ा है, हालांकि अभी भी बड़ी तादाद में रामपाल समर्थक आश्रम के अंदर मौजूद हैं. लोगों ने बताया कि आश्रम के अंदर राशन करीब-करीब खत्म हो गया है और खाने−पीने की चीजें बहुत ही कम मात्रा में बची हैं
मंगलवार दोपहर पुलिस ने जब कार्रवाई की तो रामपाल के समर्थकों ने आश्रम के अंदर से फायरिंग की और पेट्रोल बम फेंके. इस झड़प में 100 से ज्यादा पुलिसवाले घायल हुए. जाहिर है कि आश्रम के अंदर मौजूद लोगों को भी इस कार्रवाई में चोटें आई होंगी, लेकिन अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.
आश्रम के अंदर से बाहर आए कुछ लोगों की मानें तो रामपाल और उनके कुछ कट्टर समर्थकों ने आश्रम के अंदर लोगों को बंधक बनाकर रखा हुआ है. ऐसे में पुलिस की मुश्किल रामपाल और उसके गुंडों को काबू में करने के साथ ही आश्रम के अंदर बंद लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की भी है.
वैसे, रामपाल समर्थकों की गुंडागर्दी के साथ−साथ मंगलवार को पुलिस ने भी बर्बर रवैया अपनाया और घटना को कवर करने गए पत्रकारों पर डंडे बरसाए. पुलिस की कार्रवाई में एनडीटीवी के रिपोर्टर और कैमरामैन जख्मी हुए.