Not all the addictions are harmful. ये बात डोमिनोस पिज़्ज़ा अपने पुणे में वारजे स्थित आउटलेट में कैच लाइन में कहता है. हालाँकि इस आउटलेट से पिज़्ज़ा की होम डिलीवर करवाना नुकसानदायक हो सकता है क्यों कि इस आउटलेट से पिज़्ज़ा की होम डिलीवरी और कचरा दोनों ही एक डिलीवरी बाइक के ज़रिये ठिकानों तक पहुंचाए जाते हैं. 23 वर्षीय उदित साठ्ये, जो कि पुणे के निवासी हैं ने हजारों ग्राहकों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने की इस व्यवस्था का भंडा फोड़ किया.
साठ्ये ने ट्वीट के ज़रिये इस कृत्य का पर्दाफाश किया. शुक्रवार की दोपहर जब साठ्ये अपने दोस्तों के साथ इस पिज़्ज़ा आउटलेट के बगल में बने एक कैफ़े में बैठे थे तब उन्होंने एक पिज़्ज़ा डिलीवरी बॉय को एक कचरे का थैला डिलीवरी बाइक में लोड करते देखा. इस थैले को उसने बिना किसी अतिरिक्त कवर के उसी फाइबर के डब्बे में रखा जिसमें पिज़्ज़ा डिलीवर होता है. इस तरह की प्रक्रिया जो की स्वस्थ्य के लिए बेहद हानिकारक थी, को देख कर साठ्ये विचलित हो गए और उन्होंने अपने मोबाइल कैमरे से दो तस्वीरे उतार लीं.
इसके बाद साठ्ये ने वो तसवीरें अपने ट्विटर अकाउंट पर डाल दीं. ये तसवीरें देखते ही देखते वायरल हो गयी और कुछ ही घंटों में इसकी प्रतिक्रिया में भर्त्सना करते हुए और डोमिनोस को कोसते हुए उनके कई सौ रीट्वीट हो गए.
तकरीबन शाम 8 बजे मेरे पास डोमिनोस के पश्चिम जोन से नविन कुमार का फोन आया और उन्होंने भी वही बात दोहराई. दोनों ही फोन कॉल में मुझसे पूछा गया कि इसकी भरपाई के लिए वो क्या कर सकते हैं. मैंने कहा आउटलेट बंद कर दीजिये. बाद में डोमिनोस पिज़्ज़ा इंडिया के मार्केटिंग उपाध्यक्ष हरनीत सिंह राजपाल की तरफ से बयान जारी किया गया जिसमें सफाई देते हुए ग्राहकों से माफ़ी मांगी गयी है और उक्त आउटलेट पर जांच के बाद उचित कार्यवाही किये जाने का आश्वासन दिया गया है.
उदित ने तो बहुत अच्छा काम किया , लेकिन डोमिनो पिज़्ज़ा के दीवाने कहाँ रुकने वाले है वे तो अभी भी उस को खाने के लिए आतुर है इस पिज़्ज़ा को बनाने में ऐसी न जाने कितनी ही असावधानियां की जाती होंगी , यह किसे पता है
उदित ने तो बहुत अच्छा काम किया , लेकिन डोमिनो पिज़्ज़ा के दीवाने कहाँ रुकने वाले है वे तो अभी भी उस को खाने के लिए आतुर है इस पिज़्ज़ा को बनाने में ऐसी न जाने कितनी ही असावधानियां की जाती होंगी , यह किसे पता है