फेसबुक पर एक के बाद एक शक्तियों का अवतरण जारी है. अभी पिछली कड़ी में हमने आपको परमपिता परमेश्वर से मिलवाया था. अब परमपिता परमेश्वर को टक्कर देने मैदान में हजरत शैतान इबलीस आ गए हैं. हालाँकि ये खुद को परमपिता का दोस्त बताते हैं और कहते हैं कि शैतान और भगवान दोनों इन्सान के दिमाग की उपज है. इनकी आईडी अभी कुछ रोज़ पहले ही बनी है और इनके कुछ दो सौ के आस पास दोस्त भी बन गए हैं. अपने बारे में कोई जानकारी साझा न करने वाले शैतान खुद को बिजनेसमैन बताते हैं.
अपनी पोस्ट में भगवान के अस्तित्व को नकारने वाले हजरत शैतान इबलीस धर्म से जुड़े पाखंडों को खत्म करने की कवायद में हैं. एक पोस्ट में धर्म के ऊपर से लोगों को बहलाने का आरोप ख़त्म करते हुए कहते हैं-“लोग धर्म के हाथ की कठपुतली रहे हैं और धर्म हमेशा से शासकों के हाथ की कठपुतली रहा है.” एक मित्र लिखते हैं. “हजरत शैतान इबलीस व् परमपिता परमेश्वर का फेसबुक पर अवतरण हो चुका है. अब धर्म का नाश और अधर्म की रक्षा होगी.”
इसी तरह इबोला वायरस के ऊपर सफाई देते हुए हजरत शैतान इबलीस लिखते हैं-“ इबोला वायरस फ़ैलाने का इल्जाम हम पर लगाया गया है. लेकिन ये हमारा काम नहीं है. ये सब दवा कम्पनियां मुनाफा कमाने के लिए नए नए वायरस एशिया और अफ्रीका के गरीब देशों में छोड़ती रहती हैं ताकि बाद में उसकी दवा बना कर मुनाफा कमाया जा सके.”
इनके एक मित्र लइक खान चुटीले अंदाज़ में लिखते हैं कि शैतान को पाना आसान है और भगवान को पाना मुश्किल.
“हजरत शैतान इबलीस को और परमपिता परमेश्वर को फ़्रेड रिकवेसट भेजी. ये दोनों फ़ेसबुक पे विराजमान हैं. हजरत शैतान इबलीस ने तुरंत फ़्रेड रिक्वेस्ट accept कर लिया लेकिन परमपिता परमेश्वर ने अभी pending रखा है. इस से ये साफ़ हो गया कि शैतान आसानी से और भगवान मुश्किल से मिलता है. कम अज़ कम फ़ेसबुक पे तो ऐसा ही दिख रहा है.”