–तारकेश कुमार ओझा||
राजनीति में रंग या पाला बदलने के खेल को आप नया नहीं कह सकते। छात्र जीवन में ही कुछ एेसे राजनेताओं के बारे में सुना था जिनकी ख्याति ’ सदामंत्री ‘के तौर पर थी। यानी सरकार चाहे जिसकी हो उनका मंत्री पद पक्का। कल तक जिसे गरियाया , मौका पड़ा तो उसी के साथ हो लिए। कहने लगे … मेरा समर्थन तो मुद्दों पर आधारित है…। कल तक जिसके साथ थे, उसे ही पानी – पी – पीकर कोसने लगे। पश्चिम बंगाल में एक राजनेता एेसे हैं जिन्होंने अपनी पार्टी कांग्रेस और प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के बारे में कहा था कि यदि वे कभी कांग्रेस में गए तो जनता चाहे तो उनके नाम से कुत्ता पाल ले। यह और बात है कि कालांतर में वे कांग्रेस में गए आजीवन राजसुख भी

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