टाइम्स नाउ चैनल के न्यूज़ ऑवर कार्यक्रम में हाफ़िज़ सईद का इंटरव्यू ले कर चर्चा में आये डॉ० वेद प्रताप वैदिक खुद अपने इंटरव्यू के बारे में बताने और उस पर चर्चा के लिए मौजूद थे लेकिन अर्नब गोस्वामी के किसी सवाल का जवाब देने से पहले ही वैदिक भड़क गए और अर्नब को नैतिकता और पत्रकारिता के पाठ पढ़ने की सलाह देने लगे.
इसके अलावा कई अन्य चैनलों पर वैदिक अपना आपा खोते दिखाई दिए. टाइम्स नाउ के अलावा एनडीटीवी पर भी वैदिक की जुबान पर से उनका नियंत्रण हटता हुआ दिखा जब उन्होंने जनसत्ता के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी से बदजुबानी की और अपना घमंड दिखाते हुए कहा कि मुझे टीवी पर करोड़ों लोग देख रहे हैं और आपके अख़बार को बमुश्किल बीस या तीस हज़ार लोग पढ़ते हैं.
टाइम्स नाउ पर आने वाले कार्यक्रम न्यूज़ ऑवर, जिसे अर्नब गोस्वामी होस्ट करते हैं, में पहुंचे वैदिक अर्नब के पहले सवाल से ही उग्र हो उठे और अर्नब पर अपने ऊपर आरोप मढ़ने की बात करने लगे. इसके बाद भी वैदिक शांत नहीं हुए और अर्नब से बोले-“जूनियर की तरह बर्ताव करो अर्नब, मैं तुमसे बहुत सीनियर जर्नलिस्ट हूँ!”
हालाँकि वैदिक किसी भी चैनल पर पूछे गये सवालों के ठोस जवाब नहीं दे पाए और न ही सईद का इंटरव्यू लेने की कोई खास वजह भी नही बता पाए. गौरतलब है कि हाफीज सईद का इंटरव्यू लेने के बाद वैदिक ने अपनी और सईद को तस्वीर पोस्ट की थी जिसके सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वैदिक की चारों तरफ से आलोचना हुयी थी. यहाँ तक की इसका असर संसद की कार्यवाही पर भी पड़ा था और विपक्ष ने सरकार पर आतंकियों का पक्ष लेने तक के आरोप लगाये थे.
वैदिक की मुलाकात पर कई सवाल उठ रहे हैं जिनमें प्रमुख सईद से मुलाकात किस रूप में की गयी, पत्रकार या कूटनीतिज्ञ के रूप में? अगर पत्रकार के रूप में गए थे तो उन्होंने पत्रकार की तरह से सवाल क्यों नहीं किये और 26/11 के बारे में बात क्यों नहीं की. इसके साथ ही सरकार पर वैदिक की सहायता और पक्ष लेने का आरोप भी लगाया जा रहा है. हालाँकि वैदिक ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे महज पत्रकारिता के पेशे से सम्बंधित एक समर्पित पत्रकार की हैसियत से सईद से मिले लेकिन मीडिया और सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का बाज़ार गर्म है और वैदिक लगातार मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.
वैदिक ने सईद के इंटरव्यू के बाद कहा था कि उन्होंने सईद से काफी लम्बी बातचीत की है और उसमें एक बड़ा हिस्सा अनौपचारिक बातचीत का भी था. उन्होंने सईद को सम्बन्ध सुधारने के लिए प्रेरित करने की भी बात कही थी. लेकिन अलग अलग चैनलों पर अलग अलग बयान के और नए नए वक्तव्य दे कर वैदिक घिर गए हैं.
Ahankar mathe char kar bol raha hai
वैदिक सईद का इंटरव्यू ले कर हीरो बनना चाह रहे थे, पर ये उनके गले की फांस बन गया ,है , जबरदस्ती इसमें कांग्रेस केंद्र सरकार को और घसीट रही है जब कि सरकारपहले दिन से ही इंकार कर चुकी है कांग्रेस के पास कोई काम भी नहीं इसलिए ऐसे जबरदस्ती के मुद्दे उठा अपना अस्तित्व बचाने में लगी है , संसद में हल्ला कर कार्यवाही को रोकना जनता के पैसे को बर्बाद करना है पहले वह भा ज पा को इस बात के लिए कोसती थी अब खुद भी वही कर रही है
वैदिक सईद का इंटरव्यू ले कर हीरो बनना चाह रहे थे, पर ये उनके गले की फांस बन गया ,है , जबरदस्ती इसमें कांग्रेस केंद्र सरकार को और घसीट रही है जब कि सरकारपहले दिन से ही इंकार कर चुकी है कांग्रेस के पास कोई काम भी नहीं इसलिए ऐसे जबरदस्ती के मुद्दे उठा अपना अस्तित्व बचाने में लगी है , संसद में हल्ला कर कार्यवाही को रोकना जनता के पैसे को बर्बाद करना है पहले वह भा ज पा को इस बात के लिए कोसती थी अब खुद भी वही कर रही है