यूपी की बीजेपी सांसद प्रियंका सिहं रावत ने जब से अपने पिता को प्रतिनिधि बनाया तब से बीजेपी की किरकिरी हो रही थी. इस बारे में जब प्रधानमंत्री को पता चला तो उन्होंने सांसद को फटकार लगाई. अपनी सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह नियुक्ति अस्थाई तौर पर की गई थी. उन्होंने यह भी कहा की वह जल्द ही संगठन में चर्चा कर नया सांसद पर्तिनिधि बनाएगी. इस बात से साफ़ जाहिर होता है की मोदी की फटकार का असर हुआ है.
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद सभी मंत्रियों को पर्सनल स्टाफ में रिश्तेदारों को न रखने की हिदायत दी थी. सर्कुलर मंत्रियों के लिए था, लेकिन इसका मकसद था कि संदेश नीचे तक जाए. उन्होंने पिता को अपना प्रतिनिधि नियुक्त करने पर उत्तर प्रदेश की बीजेपी सांसद प्रियंका सिंह रावत को फटकार लगाई है. मोदी के निर्देश के कुछ ही दिन बाद बाराबंकी से बीजेपी सांसद प्रियंका सिंह रावत ने अपने पिता को संसदीय क्षेत्र में प्रतिनिधि नियुक्त किया. इस खबर ने मोदी और पार्टी की किरकिरी करवा दी थी.
मीडिया में इस तरह की रिपोर्ट्स के बाद नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रियंका को फटकार लगाते हुए अपने पिता को हटाकर किसी और को सांसद प्रतिनिधि बनाने को कहा.मोदी की फटकार के बाद अब प्रियंका कह रही हैं कि उन्होंने अपने पिता या किसी रिश्तेदार की नियुक्ति पर्सनल स्टाफ में नहीं की है. जबकि प्रियंका सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ के दिन 26 मई को खुद एक सर्कुलर जारी करके अपने पिता उत्तम राम को सभी सरकारी और विकास कार्यों के लिए अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया था.
इस सर्कुलर की कॉपी जिले के तमाम अधिकारियों को भेजी गई थीं. यही नहीं, 27 मई को प्रियंका के फेसबुक पेज की ओर से इस बारे में अखबार में छपी खबर की तस्वीर भी पोस्ट की गई थी. गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने पिछली यूपीए सरकार से अलग नजर आने के लिए पहले ही दिन से मंत्रियों के लिए कुछ गाइडलाइंस तय की थीं. इसके तहत मंत्रियों को निर्देश दिया गया कि वे पर्सनल स्टाफ में किसी रिश्तेदार को न रखें. इसके लिए बाकायदा डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग की तरफ से 26 मई को एक सर्कुलर जारी किया गया था.