मजीठिया को लेकर तकरीबन हर अखबार में ऊहा-पोह की स्थिति है. जनता के अधिकारों के लिए लड़ने वाले पत्रकार अपने हक़(मजीठिया) की लड़ाई लड़ने को तत्पर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में देश के सभी अखबार मालिकों से अप्रैल महीने से मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने का आदेश दिया था.
बड़े दुख की बात है कि ‘जर्निलिज्म आफ करेज’ की पत्रकारिता करने वाले ‘द इंडियन एक्सप्रेस लिमिटेड’ ने सुप्रीम कोर्ट को आदेश के बावजूद अपने कमर्चारियों को मजीठिया सिफारिशों के अनुरूप नया वेतन नहीं दिया है.
नतीजतन नाउम्मीद कर्मचारियों ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है. शुक्रवार से सभी कर्मचारी काला बिल्ला लगा कर विरोध कर रहे हैं. सोमवार से इंडियन एक्सप्रेस समूह के कर्मचारी राजेंद्र शर्मा, पीयूष कुमार वाजपेयी, ईश्वरपाल सिंह, विष्णु शर्मा, मुकेश शर्मा और महेश मलिक ने भूख हड़ताल शुरू की. इनमें से राजेंद्र शर्मा आमरण अनशन कर रहे हैं. इसके अलावा इंडियन एक्स्प्रेस यूनियन ने प्रबंधन को कानूनी नोटिस भी थमाया है. धरना-प्रदर्शन आइटीओ स्थित इंडियन एक्स्प्रेस दफ्तर के बाहर शुरू किया गया है.