छत्तीस गढ़ पुलिस ने एक पढ़ी लिखी आदिवासी महिला सोनी सोरी को महज़ इसलिए नक्सली घोषित कर दिया क्योंकि वह आदिवासियों को पढ़ा रही थी और उन्हें जागृत कर रही थी. सोनी सोरी के अनुसार छत्तीसगढ़ पुलिस ने उसे न केवल नग्न किया बल्कि उसके साथ दुराचार करने की भी कोशिश की. यही नहीं छत्तीसगढ़ पुलिस ने सोनी सोरी के यौनांगों में मिर्च भर दी, जब इससे भी पुलिस का मन नहीं भरा तो उसके जननांग में पत्थर भर दिए.
आज दिल्ली के प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान उसने अपनी आप बीती पत्रकारों को बताई तो सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए.
इसी तरह कुछ कर गुजरने की तमन्ना लिए पढ़े लिखे आदिवासी पत्रकार लिंगा कोड़ोपी को भी छत्तीस गढ़ पुलिस ने महज़ इसलिए नक्सलवादी घोषित कर गिरफ्तार कर लिया क्योंकि उसने आदिवासियों के गाँव पर हुए एक अत्याचार का वीडियो यूट्यूब पर अपलोडकर दिया था. लिंगा के अनुसार छत्तीसगढ़ पुलिस ने उसकी गुदा में मिर्च लगा डंडा घुसा दिया. उसके बाद लम्बे समय तक जेल में उसकी गुदा से रक्त बहता रहा.
आप खुद सुनिए सोनी और लिंगा पर हुए अत्याचार की कहानी खुद उन दोनों की ज़ुबानी..
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