दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बृहस्पतिवार को कहा कि लोगों तक स्वच्छ पानी पहुंचाने का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा और उनके अल्प समय के कार्यकाल में टैंकर माफिया पर अंकुश लगाया गया. इस बीच, कांग्रेस विधायक आसिफ मोहम्मद ने बाटला हाउस एनकाउंटर की एसआईटी जांच की मांग को लेकर प्रेस कांफ्रेंस के बीच हंगामा किया.
आसिफ मोहम्मद ने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानेगी गई तो वह आप सरकार के समर्थन में वोट नहीं करेंगे, चाहे कांग्रेस उन्हें पार्टी से निकाल दे. उन्होंने कहा कि केजरीवाल झूठे इन्सान है मैं उनसे समर्थन वापस लेता हूं. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बाटला हाउस एनकाउंटर पर पूछे गए एक प्रश्न परजरीवाल के जवाब को सुन कर आसिफ भड़क उठे.
आसिफ ने आरोप लगाया कि केजरीवाल मुसलमानों से भेदभाव बरत रहे हैं. हमें सिख दंगों पर एसआईटी की जांच पर कोई आपत्ति नहीं है, परंतु बाटला हाउस एनकाउंटर में अपनी बात से पलटना केजरीवाल की नीयत को दर्शाता है. केजरीवाल भी मुसलमानों को केवल वोट बैंक के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने अपने चुनाव घोषणा पत्र में बाटला हाउस एनकाउंटर केस की जांच करने की बात कही थी, परंतु अब वह इस मामले में मुकर रह रहे हैं.
इससे पहले आप सरकार का एक माह का कार्यकाल पूरा होने पर केजरीवाल ने प्रेस सम्मेलन में अपनी सरकार द्वारा किए कार्यो को बताते हुए कहा कि राज्य में एक महीने में ही 58 रैन बसेरे बनाए गए. सरकार जल्द ही बारिश के पानी को संरक्षित करने के उपाय करेगी. उन्होंने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह पर निशाना साधा और कहा कि वे कैसे निष्पक्ष रह सकती है, क्योंकि वह कांग्रेस प्रवक्ता रह चुकी हैं.
प्रेस कांफ्रेंस के मुख्य बिंदु..
- 5500 नए ऑटो परमिट जारी
- एक महीने में 58 रैन बसेरे बनाए गए
- हर स्कूल को एक-एक लाख रुपये दिए गए
- महिलाओं की सुरक्षा करने में नाकाम रही दिल्ली पुलिस
- दिल्ली में पैसे की कमी नहीं, नीयत की कमी
- प्रदर्शनकारियों को दी चेतावनी, कहा काम पर लौटें
- काम पर नहीं लौटें तो पक्का नहीं करेंगे
- महिला सुरक्षा दल बनाने पर काम
- जेएस वर्मा रिपोर्ट लागू करने के लिए कमेटी
उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी [आप] सरकार का बुधवार को एक माह पूरा होने पर अरविंद ने सभी मंत्रियों की एक समीक्षा बैठक की थी और इस अवधि में उनके द्वारा किए गए काम की रिपोर्ट मांगी थी. केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के एक महीने के शासन के दौरान पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले किए गए वादों को कुछ पूरा तो कुछ मामलों को आंशिक रूप से पूरा किया है तो दूसरी ओर अपने मंत्रियों के काम से विवादों में भी रही है.
सकारात्मक बात यह रही कि दिल्ली सरकार ने मीटर कनेक्शन वाले घरेलू उपभोक्ताओं को महीने में 20 किलोलीटर पानी मुफ्त देने की और पहले 400 यूनिट बिजली के खर्च पर बिल में 50 फीसद छूट देने का काम किया. इसके अलावा बिजली वितरण कंपनियों के कैग ऑडिट का भी आदेश दिया.
प्रशासन में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए पार्टी ने एक भ्रष्टाचार-निरोधी हेल्पलाइन भी शुरू की.
चुनावी घोषणा के अनुसार, केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने गाड़ियों पर लाल और नीली बत्तियां नहीं लगाई. हालांकि बात अगर सिक्के के दूसरे पहलू की करें तो. दिल्ली पुलिस के खिलाफ और मंत्री का आदेश नहीं मानने वाले पुलिसवालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर रेल भवन पर दो दिन धरना देने पर आलोचना भी हुई. केजरीवाल सरकार के कानून मंत्री सोमनाथ भारती भी एक के बाद एक विवादों में घिरे रहे.