अन्ना और रामदेव के हमले शान्त भी नहीं हुए थे कि यूपीए सरकार को सफाई देने की नई जरूरत आ खड़ी हो गई है। विकीलीक्स के अपने ताजा खुलासे में कहा है कि मुंबई हमले के प्रमुख साजिशकर्ता अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली को भारत लाने के प्रति भारत सरकार कभी भी गंभीर नहीं थी।
विकीलीक्स के अनुसार यह बात किसी और ने नहीं बल्कि दिसंबर, 2009 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन ने तत्कालीन अमेरिकी राजदूत से ऐसा कहा था। नारायणन ने कहा था कि हेडली के प्रत्यर्पण की मांग महज एक दिखावा है, ताकि जनता शांत रहे। उन्होंने कहा था कि भारत सरकार हेडली के प्रत्यर्पण की उम्मीद नहीं कर रही है।
विकीलीक्स के मुताबिक अमेरिकी राजदूत रोमर भी नहीं चाहते थे हेडली को भारत प्रत्यर्पित किया जाए, क्योंकि उनका मानना था कि हे़डली के पास कई अहम जानकारियां हैं जो आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की जंग में सहायता मिलेगी, और अमेरिका के दुश्मनों के बारे में पता चलेगा।
गौरतलब है कि हेडली ने पिछले साल शिकागो की अदालत में अपने गुनाह कबूल लिए थे और अब उसे सजा का इंतजार है और अब जब तक हेडली की अमेरिका में सजा पूरी नहीं हो जाती वो भारत नहीं आ सकता।
उधर विकीलिक्स के इस खुलासे को एमके नारायणन ने बेतुका बताया है।