एक युवती को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से हुई गैरकानूनी सर्विलांस पर खड़े बवाल में नया मोड़ आ गया है.
इनवेस्टिगेटिव वेबसाइट गुलेल ने दावा किया है कि उसके पास 39 नए सीक्रेट टैप हैं, जिससे पता चला है कि युवती पर गुजरात से बाहर भी निगाह रखी गई थी.
ऐसा कहा जा रहा है कि नए टैप से साफ हो रहा है कि सरकारी मशीनरी की मदद से हुए इस सर्विलांस का लक्ष्य युवती को बचाना नहीं, बल्कि उसका पीछा करना और उसकी निजी जिंदगी में तांकझांक करना है.
गुलेल का दावा है कि पिछले टेप की तरह नए वालों में भी इस गैरकानूनी ऑपरेशन में शामिल अधिकारी जी एल सिंघल, ए के शर्मा और अमित शाह यह जानकारी अपने से किसी सीनियर तक पहुंचाने की बात कर रहे हैं, जिन्हें बार-बार साहेब कहा गया.
शाह और सिंघल के बीच बातचीत से पता चलता है कि अमित शाह ने साहेब के इशारे पर महिला का पीछा करने के लिए गुजरात पुलिस का इस्तेमाल किया.
नए टेप के आधार पर गुलेल ने दावा किया है कि इस जासूसी का उद्देश्य महिला की लवलाइफ के बारे में पता करना था. वेबसाइट का कहना है, “पुलिस ने गोपनीय तरीके से युवती और उस शख्स की मुलाकातों पर निगाह रखी, जिससे वह शादी करने वाली थी. इसके अलावा उनकी निजी बातचीत सुनी और सारी जानकारी साहेब तक पहुंचाई.”
वेबसाइट यह भी दलील दे रही है कि नए टेप से भाजपा के इस दावे की हवा भी निकलती है कि यह सर्विलांस मोदी ने युवती के पिता के इशारे पर कराई.
नए टेप जारी होने का वक्त काफी अहम है, क्योंकि केंद्र सरकार से इस मामले की जांच के लिए न्यायिक पैनल के गठन की बात कर रही है.
सर्विलांस न केवल गुजरात, बल्कि उससे बाहर भी हुई, इस बात से केंद्र की कांग्रेसनीत सरकार को इस मामले में न्यायिक जांच कराने का बड़ा कारण मिल सकता है.
जिनके खिलाफ आयोग बैठाये जाते हैं,आरोपी कांग्रेस के नेता शामिल होते हैं , उन आयोगों की रिपोर्ट तो सरकार के द्वारा भंग कर दी जाती हैं.कांग्रेस के चार मुख्यमंत्री जिस घोटाले में फंस गए वह रिपोर्ट रद्दी की टोकरी में,दूसरों की जाँच कराएगी सरकार.सब के लिए सामान मापदंड क्यों नहीं.कांग्रेस खुद को सबसे अलग मान कर चलती है.गुलेल भी तहलका की ही हमराह हो बड़ी बात नहीं.मोदी फोबिअ से ग्रसित कांग्रेस अभी और बहुत कुछ सामने लाएगी जिनकी बुनियाद चाहे कुछ न हो.
जिनके खिलाफ आयोग बैठाये जाते हैं,आरोपी कांग्रेस के नेता शामिल होते हैं , उन आयोगों की रिपोर्ट तो सरकार के द्वारा भंग कर दी जाती हैं.कांग्रेस के चार मुख्यमंत्री जिस घोटाले में फंस गए वह रिपोर्ट रद्दी की टोकरी में,दूसरों की जाँच कराएगी सरकार.सब के लिए सामान मापदंड क्यों नहीं.कांग्रेस खुद को सबसे अलग मान कर चलती है.गुलेल भी तहलका की ही हमराह हो बड़ी बात नहीं.मोदी फोबिअ से ग्रसित कांग्रेस अभी और बहुत कुछ सामने लाएगी जिनकी बुनियाद चाहे कुछ न हो.