अपने उम्मीदवारों पर भ्रष्टाचारों के आरोपों पर घिरी आम आदमी पार्टी ने रविवार को दिल्ली में एक एक संवाददाता सम्मलेन आयोजित कर यह बताने की कोशिश की कि उनके सभी उम्मीदवार पाक-साफ हैं. पार्टी की ओर से कहा गया कि पूरा स्टिंग फर्जी है, क्योंकि सीडी में डॉक्टरिंग की है.
रविवार दोपहर तकरीबन पौन एक बजे आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया, योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. योगेंद्र यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से उस सीडी की पूरी फुटेज मांग थी, जो उन्हें मिल गई. यह पूरी सीडी 14 घंटे की है, जिसे कांट-छांटकर इस तरीके से पेश किया गया, ताकि एक ईमानदार पार्टी पर लांछन लगाए जा सकें.
योगेंद्र यादव ने कहा कि इस सीडी में जितने भी इंटरव्यू हैं, सभी से जरूरी संदर्भ को हटाकर एक सीडी बांटी गई. यदि संदर्भ साथ सीडी पर गौर किया जाए तो पता चलेगा कि उनका कोई भी उम्मीदवार, जिनके नाम लिए गए हैं, भ्रष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि वे सख्त लफ्जों में इसे फ्रॉड, फर्जीवाड़ा और डॉक्टरिंग करार देते हैं.
यादव ने चुनाव आयोग से अपील की कि इस तरह की सीडी जारी करने वालों के लिए रेगुलेशन लगाई जानी चाहिएं. इसके बाद पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया ने कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के सभी नेताओं पर गर्व है. 14 घंटे की पूरी फुटेज देखने के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता है.
गौरतलब है कि एक वेबसाइट ‘मीडिया सरकार’ ने आम आदमी पार्टी के 9 बड़े और खास नेताओं का स्टिंग ऑपरेशन किया था. मीडिया सरकार के स्टिंग में आम आदमी पार्टी की आरके पुरम से उम्मीदवार शाज़िया इल्मी, कुमार विश्वास समेत कइयों की नीयत पर सवाल उठाए गए थे.
सब अपने आप को दूध का धुला बताते हैं, कौन ऐसा व्यक्ति विशेष है जिसने यह स्वीकार किया हो कि उस पर लगे आरोप सही हैं, सभी खुद को निर्दोष बताते हैं.मान लिया जाये कि आप पर लगे आरोप दुसरे दलों द्वारा जबरन लगाये गएँ हों, यह भी मान लिया जाये कि वे पैड न्यूज़ के शिकार हुए हैं, पर कुछ हुआ तो है इससे इंकार नहीं किया जा सकता, अब उनके साथ छेड़छाड़ हुई है या नहीं इस जाँच में तो चुनाव ही निकल जायेंगे,और कुछ नहीं होना है.
सब अपने आप को दूध का धुला बताते हैं, कौन ऐसा व्यक्ति विशेष है जिसने यह स्वीकार किया हो कि उस पर लगे आरोप सही हैं, सभी खुद को निर्दोष बताते हैं.मान लिया जाये कि आप पर लगे आरोप दुसरे दलों द्वारा जबरन लगाये गएँ हों, यह भी मान लिया जाये कि वे पैड न्यूज़ के शिकार हुए हैं, पर कुछ हुआ तो है इससे इंकार नहीं किया जा सकता, अब उनके साथ छेड़छाड़ हुई है या नहीं इस जाँच में तो चुनाव ही निकल जायेंगे,और कुछ नहीं होना है.