डाबड़ा सामूहिक दुष्कर्म कांड की पीड़िता ने कुछ छात्राओं के भद्दे कटाक्ष से आजिज आकर कॉलेज छोड़ दिया है. वह चार सप्ताह से कॉलेज नहीं जा रही है. आरोप है कि उसकी सहपाठी लड़कियां जातिसूचक शब्दों से ताना दे कर उसे मानसिक तौर पर परेशान कर रही हैं. पीड़िता ने कॉलेज प्रशासन से शिकायत करने के अलावा राष्ट्रीय एससी, एसटी आयोग को भी पत्र भेजा है.
आयोग के जोनल डायरेक्टर चंडीगढ़ को भेजी शिकायत में पीड़िता ने लिखा कि 9 सितंबर 2012 को उसके साथ गांव के ही दबंग युवकों ने डाबड़ा गांव के समीप नहर के पास सामूहिक दुष्कर्म किया था. इससे आहत होकर उसके पिता ने आत्महत्या कर ली थी. वह राजकीय महिला महाविद्यालय हिसार में बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही थी. कक्षा में उसे कुछ छात्राएं दुष्कर्म पीड़िता व दलित होने के कारण फब्तियां कसती हैं. उसने कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रवि शर्मा से शिकायत भी की, लेकिन कोई गौर नहीं किया गया. मजबूर होकर कॉलेज छोड़ना पड़ा. अब वह तीन सप्ताह से कॉलेज नहीं जा रही है.
अधिवक्ता रजत कल्सन ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई के लिए प्रशासन सीधा जवाबदेह है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग चंडीगढ़ के जोनल डायरेक्टर का कहना है कि उन्हें पीड़िता की शिकायत मिली है तथा वे इस बारे में कार्रवाई करने के लिए जिला प्रशासन से बात करेंगे.
जबकि राजकीय महिला महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि छात्रा ने शिकायत की थी किंतु किसी का नाम नहीं बताया.