मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता को लंदन बनाने के अभियान के तहत गंगा तट का अरसे से सौंदर्यीकरण करना चाहती रही हैं..अब उनके दिव्य सपनों के भूगोल में हावड़ा का नक्शा भी शामिल हो गया है…जाहिर है कि महज इस पार कोलकाता में ही नहीं, उस पार हावड़ा में भी गंगा तट को पर्यटन स्थल बनाने की मुहिम तेज है…
-एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास||
दीदी राइटर्स लेकर पहली अक्तूबर यानी दुर्गोत्सव से पहले ही हावड़ा के आरबीसी भवन में चली जायेंगी. कैलाश पर्वत से देवी दुर्गा कोलकाता के आलोक सज्जित पंडालों में आकर बसेंगी या नहीं कोई नहीं जानता. भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित हो जाने के बाद कोलकाता की क्या गत हुई है, हाथ कंगन को आइना क्या.
अब जाहिर है कि कोलकाता को लंदन बनाने का कार्यक्रम स्थगित है. जनपदों को लगातार उपेक्षित करके कोलकाता को तिलोत्तमा बनाने के अभियान को शायद अब विराम लगने वाला है और पांच सौ साल प्राचीन नगर हावड़ा का भी शायद अंत्योदय हो जाये.
लेकिन कोलकाता भले ही लंदन न बने, गंगा का थेम्स नदी बनना तय है. कोलकाता और हावड़ा के बीच यातायात सुगम करने के लिए और पुल कब बनेंगे, कोई नहीं जानता. ममता जितने भी वायदे करें, फिलहाल हुगली पर नये पुल बनाने का वायदा नहीं कर सकतीं. लेकिन हुगली के दोनों किनारे गंगाघाटों के दिन शायद फिरने वाले हैं. दक्षिणेश्वर से लेकर शिवपुर मंदिरतला तक का जलपथ खुल ही रहा है. जेटियों का कायाकल्प हो रहा है.
बदल जाएगी गंगा
अब जनमजात पहचानी अपनी प्रिय गंगा कोलकाता में थेम्स रुपेम अवतरित होने ही वाली है. हवाओं में फिर बहने वाली है शीत-ताप नियंत्रित लंदन की सुगंध. पश्चिम बंगाल पर्यटन विभाग का दावा कम से कम ऐसा ही है, जिसने राज्य में पर्यटन उद्योग को संकट से उबारने के लिए दुर्गोत्सव की खूब मार्केटिंग की है. आम दर्शनार्थियों को लुभाने के अलावा विदेशी पर्यटकों को निर्मल आनंद देना पूजा आयोजकों की मेजबानी की अग्निपरीक्षा होने वाली है. बोनस वंचित जनता इससे कितनी प्रफुल्लित होगी, यह भी कहना मुश्किल है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता को लंदन बनाने के अभियान के तहत गंगा तट का सौंदर्यीकरण करना चाहती रही हैं अरसे से. अब उनके दिव्य सपनों के भूगोल में हावड़ा का नक्शा भी शामिल हो गया है. जाहिर है कि महज इस पार कोलकाता में ही नहीं,उस पार हावड़ा में भी गंगा तट को पर्यटनस्थल बनाने की मुहिम तेज है.
अब हावड़ा की बारी
पर्यटन विभाग के मुताबिक कोलकाता में पहले ही शुरु गंगातट सौंदर्यीकरण का काम पूरा हो गया है. अब हावड़ा की बारी है. हुगली के आर पार कुल छब्बीस किमी गंगातट सौंदर्यीकरण पर खर्च होंगे अट्ठाइस करोड़.
सौंदर्यीकरण का मतलब
गंगातट सौंदर्यीकरण का मतलब और गंगा को थेम्स बनाने का राज भी कम दिलचस्प नहीं हैं.दोनों किनारे होंगे होटल,बार,रिसार्ट.रेस्तरां और स्पा सेंटर.यानी कोलकाता के अलावा हावड़ा के जनगण की भी बल्ले बल्ले.
इतिहास की झलकियां
ब्रिटिश व फांसीसी उपनिवेश की ऐतिहासिक झलकियां प्रस्तुत की जायेंगी हुगली के दोनों किनारे. औपनिवेशिक स्थापत्य, शिल्पकला को भी शो केस किया जायेगा. विलास बहुल जलयात्रा का आयोजन भी होगा.
विरासत बनेंगे होटल
श्रीरामपुर गोस्वामी राजबाड़ी को होटल में तब्दील किया जा रहा है. चंदननगर लालकुठी को हेरिटेज बूटिक होटल बनाया जाना है.
घरों में भी बसेंगे पर्यटक
बंगाल के पर्यटन मंत्री कृष्णेंदु नारायण चौधरी के मुताबिक हुगली के दोनों किनारे चुनिंदा घरों में पर्यटकों के ठहरने के भी इंतजामात किये जायेंगे.