कहने को तो अन्ना का मंच उन तमाम देशवासियों के लिए था जो इस देश की भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ आवाज बुलंद करना चाहते हैं। लेकिन लगता है कि हाथी के दांत खाने के दूसरे और दिखाने के दूसरे होते हैं। रामलीला मैदान में जब अन्ना के मंच से फिल्म अभिनेता ओमपुरी ने भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ कुछ खास लोगों की पोल खोलनी शुरू की तो अन्ना मंडली ने उनके हाथों से यह कहते हुए माइक छीन लिया कि ये अन्ना का मंच है यहां ये सब नहीं चलेगा।

हुआ यूं कि बॉलीवुड की जानी मानी हस्ती ओमपुरी अन्ना के समर्थन में रामलीला मैदान में आए और अन्ना के समर्थन में जमकर हुंकार भरी। ओमपुरी अपने जमाने में जनवादी नाट्य संघ यानि इप्टा से भी जुड़़े रह चुके हैं और उनके भी दिल में भ्रष्ट व्यवस्था और उसका समर्थन करने वालों के खिलाफ भारी आक्रोश है। वे जब तक नेताओं को भला-बुरा कहते रहे तब तक तो कोई बात नहीं थी लेकिन जैसे ही उन्होंने अब तक के सबसे बड़े घोटाले यानि 2जी स्कैम से जुड़े नीरा राडिया के टेप प्रकरण से चर्चा में आई बरखा दत्त के बारे में बोलना शुरू किया तो उनसे माइक छीनकर बोलती बंद कर दी गई। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद गौड़ मंच पर पहुंचे और उन्होंने ओमपुरी से लगभग माइक छीनते हुए उन्हें चेताया कि वे बरखा दत्त के खिलाफ न बोलें।
रामलीला मैदान में ओमपुरी का भाषण सुन रहे लोगों को यह समझ नहीं आया कि ओमपुरी ने ऐसा क्या गलत बोल दिया जिससे उन्हें इस कदर हड़काया गया। लोगों का मानना है यह आंदोलन जब भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ किया जा रहा है तो ऐसे लोगों का मुंह आखिर क्यों बन्द करने की कोशिश की जा रही है जो इस मुहिम के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।
इस पूरे प्रकरण के बाद लोग इस मुहिम पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। इससे तो इस आंदोलन के दो चेहरे साफ दिख रहे हैं। यह जग जाहिर है कि नीरा राडिया प्रकरण में बरखा दत्त का नाम आने के बाद से उन्हें भारी शर्मिंदगी उठानी पड रही है। देश के सबसे बडे घोटाले 2जी स्कैम से जुडे राडिया प्रकरण पर ओमपुरी ने कहा, ‘सुना है कि सुना है कि बरखा दत्त आजकल देश छोडकर कनाडा के वैंक्यूर चली गई हैं और वहां एक जैपनीज से शादी भी कर ली है। और तो और अब उन्होंने वहां एक रेस्टोरेंट भी खोल लिया है…” इससे पहले कि वो बरखा के खिलाफ कुछ और बोलते उन्हें रोक दिया गया।
उधर जब मंच पर बरखा पुराण चल रहा था और लोग अपने टीवी सेट में यह सब लाइव देख रहे थे उस वक्त बरखा दत्त एनडीटीवी चैनल के स्टूडियो में बैठी बड़े चाव से यह भाषण सुन रही थी और अचानक जैसे ही ओमपुरी उनकी पोल खोलनी शुरू की उनके होश फाख्ता हो गए। आनन फानन में स्टूडियो से तुरंत ओमपुरी का भाषण कट कर दिया गया और फिर बरखा दत्त विशंषज्ञ के साथ वार्तालाप में जुट गईं। वैसे तो मीडिया हर खबर को बढाचढा कर पेश कर रहा है लेकिन ये क्या बात हुई कि सिर्फ इक्का दुक्का चैनल के अलावा किसी बडे चैनल ने इस बारे में कुछ भी नहीं दिखाया।
न्यूज 24 ने बार.बार दिखाई टिप्पणी रू बरखा दत्त के बारे में ओमपुरी की टिप्पणी बाकी किसी टीवी न्यूज चैनल ने तो कुछ खास नहीं दिखाई लेकिन न्यूज 24 चैनल ने इसे बार.बार दिखायाए हालांकि बरखा दत्त का नाम आने पर वहां कट लगा दिया जाता। ताकि कोई दर्शक यह न समझ पाएं कि ओमपुरी किसके बारे में टिप्पणी कर रहे हैं।
मीडिया में जहां ओमपुरी का ज़िक्र आया भी वहां इस बात पर जोर दिया गया कि उन्हें इसलिए रोका गया कि वे शराब के नशे में थे। लेकिन सवाल यह है कि इस फिल्म अभिनेता के पी कर आने की खबर तो मंच को मैनेज़ कर रही टीम अन्ना को पहले से थी, लेकिन उन्हें तब तक क्यों नहीं कुछ कहा गया जब तक वे जोशीला भाषण दे रहे थे?
न्यूज़ 24 पर प्रसारित खबर की क्लिपिंग देखें-
इंडिया टीवी पर लाइव प्रसारित ओमपुरी का भाषण
अगर अन्ना की टीम काला बाजार करने वालो के खिलाफ है तो सच का मुहॅ क्यों बंद किया जा रहा है जनता को खुद समझना चाहिए
आज जो नेता कर रहे हे कल टीम अन्ना करेगी अन्ना सही हे मगर टीम अन्ना नहीं
congress supporter om puri ji ne apko aiyina dikha diya to jhala uthe ye aisi sunami tum ukhad bhi jaoge tume pata nahi chalga, ab age age dekho congressi aur Bjp vale hota hai kya
Team अन्ना विवादित लोगों से भरी हुई है इन लोगों को बाबा से बात करने में शर्म आ रही थी लेकिन देशद्रोही बुखारी से नहीं सब कांग्रेस के चमचे है
बहुत अच्छा लगा जानकारी के लिए धन्यवाद् वर्ना हम तो अँधेरे में थे बाकि का भी यही हाल है कैसे इनको रौशनी दे जाये जो अन्ना अन्ना कर रहे है |
हां आशीष मै आपके साथ हू ……
anna ki jai ho.?
कुछ लोगों ने सिर्फ अपनी व्यक्तिगत भडास निकलने के लिए इस मंच का इस्तेमाल किया जो हर लिहाज़ से गैरजिम्मेदाराना था
you are absolutely a very big foolish person,
thanx for your comment .खैर आपकी सूचना के लिए बतादूँ की किरण बेदी और ompuri के खिलाफ उनके द्वारा किये गए अशोभनीय व्यवहार के लिए संसद में अवमानना का नोटिस दिया गया है जिससे साबित होता है की नौटंकी और संतुलित आचरण में क्या अंतर है
अजित जी आपने अपना स्वयं का अच्छा आकलन किया है
ये सज्जन जो अन्ना के मंच पर सुज्जित है इनका नाम श्रीमान संदीप पाण्डेय है.सुना है विदेश से कोई मेगसेसे अवार्ड नाम की कोई चिड़िया जीत कर लाये है. संसद पर हमला करने वाले अफज़ल गुरु को बचाने के लिए “Juctice For Afzal Guru ” नाम का संगठन चलते है और भारत में मानवाधिकार की अनदेखी हो रही है इसका दुनिया भर में ढोल पिटते है. अब इनको किस देश से इसके लिए पैसा आता होगा ये बताने की आवश्यकता है क्या. वैसे मानिये श्री श्री 1008 संदीप पाण्डेय अकेली इससे महान शक्शियत नही थी अन्ना के मंच पर प्रशांत भूषण.,मेधा पाटकर,अग्निवेश और की इससे लोग थे जिनका नाम भारत के इतिहास में गद्दारों में लिखा जायेगा
आतंकवादी सगठनों से पैसा आता है संदीप पाण्डेय के पास असल में ये हिन्दू नहीं है ये आतंकवादी ने अपना नाम बदल कर रखा है
ये संदीप पण्डे नहीं हैं. इनका नाम अरविन्द गौड़ है और ये रंगमंच से लम्बे समय से जुड़े हैं.
साथ में ये परिचय भी जोड़िए कि वे भ्रष्ट पत्रकरिता की प्रतीक बन चुकी बरखा दत्त के बहुत बड़े चमचे हैं.
मंच अगर जनता का हैं तो जनता को बोलने का हक हैं……………….. इसके पीछे क्या हैं पता जरुर चल जायेगा …………
अगर वे ऐसा करें तो अनशन दूसरी तरफ दिवेर्ट हो जाता. और सरकार को भड़काऊ भाषण के नाम पर इसका दमन करने का मौका मिल सकता था.
किस्से डर रहे हो अमित कांग्रेस अगर कोई मंच पर आकर कांग्रेस का सच उगलने लगे तो उसे रोकने की क्या जरुरत है इतना डर लगता है अन्ना एंड टीम को कांग्रेस से तो फालतू का वक़्त बर्बाद क्यूँ कर रहे है जनता का …..वहा सभी देश भक्त को बोलने का हक़ है लेकिन वह चाँद गिने चुने लोगो को ही बोलने का मोका दिया गया ..जिसके खिलाफ लड़ रहे हो उसीसे इतना डरोगे तो हार तो निश्चित है.. में तो इस बात की ख़ुशी मन रहा हु की आखिर ये झूठा आन्दोलन ख़तम तो हो गया ..सच्चा भाषण भड़काऊ कैसे हो सकता है …
क्या बेहूदा तर्क पेश किया है अमित जी.. अन्ना हज़ारे के मंच पर सरकार की बुराई करो तो भड़काऊ नहीं हुआ.. मंत्रियों की बुराई करो तो बुरा नहीं हुआ.. लेकिन अगर अन्ना का सपोर्ट कर रहे दलालों की बुराई करो तो भड़काऊ हो गया?
अन्ना सही हैं लेकिन टीम अन्ना नहीं …अगर ऐसा ही होता तो उनके janlokapal में ngo को भी सामिल किया गया होता …क्योंकि वे सारे के सारे अपना अपना ngo चलते है और ngo किस तरह से देश का पैसा लूट रहा है यह में बहुत अच्छी तरह से जनता हूँ ..क्योंकि मैंने भी बहुत बरे ngo में काम कर चूका हूँ ….ये लोग डर क्यों रहे हैं ….janlokpal में ngo ,doctors ,advocate ,corporates ,मीडिया ,builders ,नर्शिंग होम्स ,ट्रस्ट ,प्राइवेट educational insitute आदि को भी सामिल करे . टीम अन्ना इस पर अपना रुख स्पस्ट करे ..केवल नेता ,सरकारी अधिकारी -कर्मचारी को भ्रस्त नहीं होते हैं ……?????
मंच तो जनता का था श्रीपाल सिंह पंवार भाई, लेकिन उस पर तब तक बाबा रामदेव को आने की इजाजत नहीं मिली जब तक स्वामी अग्निवेश ‘टीम अन्ना’ में शामिल रहे.
वाकई दुखद् है कि टीम अन्ना ने ओम्पुरी जी का महज ‘उपयोग’ किया,
यदि यही लडाई इस मंच से लडी गई है तो ये भी क्या लडाई हुई!