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-आशुतोष बत्ता||
निर्वाचन विभाग ने बिहार की 243 विधानसभा सीटों की मतदान सूचियों की जांच में पाया है कि बिहार में 76 लाख फर्जी वोटर है.
इतना ही नहीं सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि सबसे ज्यादा फर्जी वोटर पटना और नालंदा जिले में मिले हैं. जहां पटना में 5.84 लाख फर्जी मतदाता मिले वहीँ नालंदा में 3.40 लाख फर्जी मतदाताओं का खुलासा हुआ है. फर्जी मतदाताओं की इतनी बड़ी संख्या में पता चलने से राज्य के चुनाव अधिकारी भी हैरान है.
जांच में पता चला है कि मतदाता सूची में बड़ी संख्या में ऐसे लोगों का नाम शामिल है जिनका हकीकत में कोई वजूद ही नहीं है. इसके अलावा मतदाता सूची में बहुत सारी एंट्री नकली हैं. एक शख्स का नाम बिहार की दो या उससे ज्यादा विधानसभाओं की मतदाता सूची में दर्ज है. हालाँकि राज्य चुनाव आयोग फिलहाल इस बात की जांच में जुटा है कि इन 76 लाख फर्जी वोटरों में कितनी एंट्री फर्जी हैं और कितनी डुप्लीकेट हैं. लेकिन आकड़ों के साथ इतनी बड़ी मात्रा में खिलवाड़ आखिर क्या दर्शाता है?
मीडिया दरबार के मॉडरेटर 1979 से पत्रकारिता से जुड़े हैं. एक साप्ताहिक से शुरूआत के बाद अस्सी के दशक में स्वतंत्र पत्रकार बतौर खोजी पत्रकारिता में कदम रखा, हिंदी के अधिकांश राष्ट्रीय अख़बारों में हस्ताक्षर. उसी दौरान राजस्थान के अजमेर जिले के एक सशक्त राजनैतिक परिवार द्वारा एक युवती के साथ किये गए खिलवाड़ पर नवभारत टाइम्स के लिए लिखी रिपोर्ट वरिष्ठ पत्रकार श्री मिलाप चंद डंडिया की पुस्तक "मुखौटों के पीछे - असली चेहरों को उजागर करते पचास वर्ष" में भी संकलित की गयी है. कुछ समय के लिए चौथी दुनियां के मुख्य उपसंपादक रहे किन्तु नौकरी कर पाने के लक्खन न होने से तेईस दिन में ही चौथी दुनिया को अलविदा कह आये. नब्बे के दशक से पिछले दशक तक दूरदर्शन पर समसामयिक विषयों पर प्रायोजित श्रेणी में कार्यक्रम बनाते रहे. अब वैकल्पिक मीडिया पर सक्रिय.
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सोम अगस्त 12 , 2013
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