एक तरफ सत्ताधीश हजारों करोड़ के घोटाले कर रहें हैं, वहीँ दूसरी तरफ खबर आ रही है कि कांग्रेस के खजाने में आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए इतनी राशि भी नहीं है कि लोकसभा चुनाव में खुले हाथ से खर्च कर सके.
मिली जानकारी के अनुसार ऐसे में कांग्रेस अपने खजाने को लबालब करने के लिए कॉर्पोरेट सेक्टर से मिलने वाले चंदे के अलावा अपने सांसदों और विधायकों का मुंह ताक रही है. इसके चलते पिछले दिनों से कवायद चल रही है कि उन सभी कांग्रेसी सांसदों और विधायकों से वसूली की जाये जिन्होंने एक साल से पार्टी फंड में कोई राशि जमा नहीं करवाई है.
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार यह काम राहुल गांधी ने अपने हाथ में ले लिया है और उन्होंने अपना पहला निशाना राजस्थान के उन कांग्रेसी सांसदों और विधायकों को बनाते हुए चाबुक चलाया है जिन्होंने एक साल से पार्टी फंड में चंदा नहीं जमा कराया. राजस्थान के 12 बड़े नेताओं को इस बाबत नोटिस भी भेज दिया गया है. राहुल के फरमान में साफ है कि नेताओं ने पार्टी फंड में चंदा जमा नहीं कराया तो उन्हें टिकट नहीं मिलेगा.
सांसदों और विधायकों को पार्टी फंड में बतौर चंदा एक महीने की तनख्वाह सौंपनी है और दो ऐसे शुभचिंतकों से भी पैसा जमा करवाना है जो उतनी ही रकम कांग्रेस फंड में देंगे. राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी गुरुदास कामत ने कुछ दिनों पहले भी राजस्थान के सांसदों-विधायकों को चेतावनी दी थी मगर उत्तराखण्ड में आई बाढ़ के कारण बात आई गई हो गई थी.