कानपुर : कानपुर के विज्ञापन के दिग्गज लोगों द्वारा चलाये गये के-न्यूज चैनल में अब खबरें धुआं-धुआं निकलनी लगी हैं. खबर है कि के-न्यूज चैनल के इनपुट प्रभारी राजीव ओझा को इस चैनल ने फिलहाल दफ्तर न आने का फरमान जारी कर दिया है. वैसे जानकारों का मानना है कि राजीव ओझा को इस चैनल ने हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कहने का मूड बना लिया है. के-न्यूज से वहां की अंदरूनी काली-धुआंदार खबरों ने अब दमघोंटू माहौल छोड़ना शुरू कर दिया है.
करीब छह महीना पहले जोरदार और तामझाम के साथ इस चैनल की शुरूआत कर दी गयी थी. इस चैनल को प्रदेश और देश में विज्ञापन और केबल वितरण से जुड़े कई दिग्गज लोगों ने शुरू किया था. मकसद था केबल के साथ ही विज्ञापन के क्षेत्र में अपना प्रभावी हस्तक्षेप किया जा सके. इसके लिए ईटीवी और हिन्दुस्तान जैसे संस्थानों में बड़े ओहदों को सम्भाल चुके हनुमंत राव को चैनल की जिम्मेादारी सौंपी गयी थी. खबरों के अनुसार राव ने इस चैनल में अपने करीब और अपने जेबी लोगों को इस चैनल में खपा लिया था. इतना ही नहीं, कई ऐसे लोगों को ऐसे इलाके में तैनात कर दिया गया जहां उनकी कोई आवश्यकता ही नहीं थी. मसलन, राजीव ओझा वगैरह लोग. इस चैनल में राव ने अपनी करीबी राजीव को इनपुट हैड बनाया था, लेकिन इनकी तैनाती हैड आफिस के बजाय सीधे लखनऊ मुख्यालय में कर दी थी. इस बारे में कई खबरें और शिकायतें चैनल प्रबंधकों तक पहुंचने लगी थी. ऐसी ही कई गंभीर अराजकता राव के खाते में लगातार जुड़ती रहीं.
ऐसी खबरों को देखकर चैनल प्रबंधकों ने अपना दखल तेज बढ़ना शुरू कर दिया. और हाल ही में राजीव ओझा को लेकर चैनल प्रबंधकों ने सख्त ऐतराज जताया. प्रबंधकों तक खबरें पहुंचीं कि इनपुट हैड अपने दायित्व के बजाय सीधे रिपोर्टर की भूमिका में ज्यादा दिखने लगे थे. बताते हैं कि राव शुरू में तो ओझा के पक्ष में लामबंदी करने लगे, लेकिन बाजी हाथ से निकलते देख आखिरकार उन्होंने राजीव को लेकर अपने हाथ खड़े कर दिये. नतीजा, राजीव ओझा को इस चैनल से निकाल बाहर करने का रास्ता साफ हो गया.