-अमरेन्द्र यादव||
बुद्ध के जमाने से ही बिहार प्रयोगों की भूमि रहा है. यह भूमि लीक से हटकर प्रयोगों की इजाजत देती है. बहुधा ये प्रयोग आमूलकारी होते हैं तो कई दफा प्रतिगामी. एक बात यह भी कही जाती है कि बिहारी समाज एक अतिवादी समाज है जो देश की राजनीति को हमेशा दिशा और दशा देने का काम किया है. इसी कडी में बिहार की राजनीति में एक और अध्याय जुड गया है. सामजिक न्याय के योद्धा प्रेम कुमार मणि राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो लालु प्रसाद यादव का हाथ मजबूत करते हुए बिहार में सामाजिक न्याय के साथ विकास को आगे बढाने का काम करेंगे.
प्रेम कुमार मणि के अनुसार नीतीश कुमार छदम धर्मनिरपेक्ष्ाता की राजनीति करने लगे है. वे सामाजिक न्याय को केवल मोदी और आडवाणी में ढुढने लगे है. नीतीश कुमार के कारण बिहार की राजनीति दक्षिणपंथी राजनीति का केन्द्र बनता जा रहा है. समता पार्टी के बाद जनता दल यूनाईटेड की स्थापना में अपनी सक्रीयता निभाने वाले प्रेम कुमार मणि ने आगे बताया की विभिन्न आयोग के सिफारिशों को लागु नहीं कर सामाजिक न्याय का गला घोटने के लिए सवर्ण आयोग का गठन कर दिया. नीतीश सरकार आयोगों के गठन में माहिर रही है और उससे भी ज्यादा इन आयोगों की सिफारिशों को लागू करने से मुकरने में. लोगों की स्मृति में अभी भूमि सुधार व समान स्कूल प्रणाली आयोगों की अनुशंसाएं ताजा हैं.
हालांकि इन आयोगों के मुद्दे बहुत व्यापक थे, किसी खास सामाजिक समूह से सम्बद्व नहीं. लेकिन किसी सामाजिक समूह की आकांक्षाओं को उभारना तथा उससे खिलवाड़ करना सबसे खराब बात है और यही काम बिहार की जनता के साथ नीतीश की अगुवायी वाली सरकार लगातार कर रही है. विशेष कर ऐसे समूह से जो सदियों से सत्ता पर काबिज रहा है तथा विगत कई सालों से सत्ता की मुख्यधारा से अलग-थलग रहने के बाद अब फिर केन्द्रक समूह का एक महत्त्वपूर्ण पार्टनर बन गया है और नई उर्जा से अपने दावों को पेश कर रहा है.
अब जब उनके पास कोई मुद्दा नही बचा तो बिहार की जनता को विशेष राज्य और कथित धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मूर्ख बना रहे है. हिंदी के प्रसिद्ध लेखक और जदयू कोटे से बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य प्रेमकुमार मणि ने पिछले दिनों सवर्ण आयोग के मुद्दे पर नीतीश कुमार का विरोध किया था. इसके बाद इन पर सता के पोषकों ने जानलेवा हमला भी किया था. उन्होंने बताया की आज की पीढ़ी अधिक सेकुलर है और समझदार है. बिहार के लोग नीतीश की ‘सांप्रदायिकता’ समझ रहे है.गौरतलब हो की प्रेम कुमार मणि लालु और नीतीश को पहले भी एक मंच पर काम करने के लिए पहल कर चुके है.