-एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास||
कांग्रेस को अपने गढ़ उत्तरी बंगाल के मालदा में भारी झटका लगा है। चिटफंड कंपनी मामले में उत्तर मालदा की सांसद मौसम बेनजीर नूर के पैतृक निवास नूर मैंशन का नाम भी जुड़ गया है। हालांकि सांसद ने खुद ऐसी किसी संस्था से व्यक्तिगत तौर पर जुड़ने के आरोप से इंकार किया है। प्रधानमंत्री को शारदा समूह के खिलाप पत्र लिखकर फिर वह पत्र वापस लेकर पहले से ही विवादों में कांग्रेस सांसद एएच खान चौधरी डालू मियां जिनके पीछे चिटफंट गोरखधंधा की जांच हेतु गठित विशेष जांच दल `सिट’ को लगा दिया है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने। तो अब युवा और साफ सुथरी छवि की कांग्रेस सांसद मौसम बेनजीर नूर के लिए मालदह के प्रसिद्ध आम के इस सीजन में मौसम खराब होने लगा है।
डालू मियां दिवंगत कांग्रेसी किंवदंती नेता गनी खान चौधरी के
मालदा में स्टेशन रोड पर स्थित मौसम नूर के पैतृक निवास के दोमंजिले पर एरामास रियेलिटी प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड नामक चिटफंड कंपनी का दफ्तर है। पहली मंजिल पर सांसद मौसम बेनजीर नूर का अपना दफ्तर है। निवेशकों की शिकायत पर इंग्लिशबाजार थाने की पुलिस ने नूर के इसी पैतृक निवास पर पहुंचकर कंपनी के दफ्तर को ताला जड़ दिया। निवेशकों का आरोप है कि कंपनी के पदाधिकारियों ने कहा था कि उनकी कंपनी के साथ सांसद मौसम नूर हैं। इसी यकीन पर उन्होंने कंपनी में रुपए जमा किए।हालांकि उत्तर मालदा की सांसद मौसम बेनजीर नूर ने दावा किया है कि उनका इस कंपनी के साथ कोई संबंध नहीं है। उन्होंने और उनके मामा और दक्षिण मालदा के सांसद अबू हासिम खान चौधरी के बार बार मना करने पर भी क्यों कंपनी को कमरा किराए पर दिया गया इसका उत्तर सांसद नहीं दे सकीं। उन्होंने कहा कि इस बारे में वह कुछ नहीं जानती हैं। नूर मैंशन की देखरेख उनके ‘खानदान’ का मामला है।वे इसकी देखरेख नहीं करतीं। अब हकीकत यह है कि लोगों ने कंपनी की इस शाखा में लाखों रुपए जमा किए हैं। जब निवेशक अपनी पॉलिसी के मैच्योर होने पर कंपनी के दफ्तर पहुंचे तो कार्यालय में कोई नहीं था। कंपनी के मालिक गौरांग घोष फरार हैं। निवेशकों ने दफ्तर के सामने नारेबाजी शुरू की तो पुलिस ने वहां जाकर दफ्तर में ताला जड़ दिया।
अब सवाल है कि तृणमूल के मंत्रियों और सांसदों के खिलाफ ठीक यही आरोप प्रबल रुप से लगाने वालों में कांग्रेस के नेता भी शामिल हैं तो इसी आरोप में फंसी बेनजीर का बचाव कैसे करेगी कांग्रेस?
वीरभूम की तृणमूल सांसद शताब्दी राय के खिलाफ इसी आरोप के तहत पूरे देश में बवंडर मचा हुा है। अपने संसदीय क्षेत्र में उन्हें माकपा और कांग्रेस दोनों के प्रबल आंदोलन का सामना करना पड़ रहा है। अब शायद शताब्दी को भी अपना बचाव करने का मौका मिल गया!
कांग्रेस अगर बेनजीर का बचाव करती है तो पार्थ चटर्जी, मुकुल राय, मदन मित्र, ज्योतिप्रिय मल्लिक, शताब्दी राय के खिलाफ कुछ भी बोलना की हालत में नहीं होगी वह! संकट यह है।शारदा ग्रुप चिटफंड घोटाले पर राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप तेज होने के साथ ही घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करने वाली कांग्रेस ने राज्य में सत्ताधारी तृणमूल पर दोषियों को छिपाने का आरोप लगा रही है।कांग्रेस ने कहा है कि शारदा चिटफंड घोटाले की जांच करने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की एजेंसियों में उसे विश्वास नही है। पार्टी ने सीबीआई जांच की मांग दोहराई। बंगाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा, ‘हम राज्य सरकार की अपनी एजेंसियों से जांच के बिल्कुल खिलाफ हैं जो सचाई को सामने नहीं लाएगी।’भट्टाचार्य ने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस सरकार शारदा घोटाले में प्रत्यक्ष रूप से शामिल है और यह दोषियों को बचाने पर तुली है।’ उन्होंने कहा, ‘केवल सीबीआई जांच से ही घोटाले में शामिल लोगों और तृणमूल कांग्रेस सरकार एवं इसके नेताओं की भूमिका का पता चल पाएगा।’जबकि ममता दीदी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की हिम्मत बढ़ाते हुए कहा कि सीबीआई जांच की धमकी से हम डरने वाले नहीं! हम यूपीए-1 और यूपीए-2 देख चुके हैं! अगले साल आम चुनावों में यूपीए सत्ता में नहीं लौटेगी!
संकट यह भी है खानचौधरी परिवार में बेनजीर और उनके मामाओं के ताल्लुकात भी बहुत मधुर नहीं है। गौरतलब है किलोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर उत्तार मालदह की नव निर्वाचित सांसद मौसम बेनजीर नूर व मामा अबु हासेम खान चौधरी आमने-सामने थीं। प्रदेश नेताओं और राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद जीत मौसम की हुई!
बचाव न करें तो मालदा और पूरे बंगाल में जनाधार खिसकने की आशंका है। एक अधीर चौधरी और दूसरी दीपा दासमुंशी के भरोसे गनी खान चौधरी परिवार के करिश्मे के बिना राजनीति करके वर्चस्व बनाये रखना असंभव है।धर्मसंकट में है कांग्रेस।
इस परतुर्रा यह कि मालदा जिले में भी एक चिटफंड कंपनी के मालिक की पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इंग्लिशबाजार थाना पुलिस कंपनी के मालिक की खोजबीन कर रही है। रविवार को निवेशकों ने मालदा शहर के स्टेशन रोड इलाके में प्रतिष्ठान के मालिक के निवास के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। सर्वमंगलापल्ली के निवासी और पेशे से रेलकर्मी केएन राय और उनकी पत्नी जुथिका राय अपने मकान के निचले तल्ले में चिटफंड कंपनी चला रहे थे। दुगना करने का झांसा देकर इन्होंने निवेशकों से काफी रकम जमा कर ली । मैच्योरिटी का समय आया तो राशि लौटाने में आना कानी की गयी। इसके बाद रविवार को निवेशक और एजेंट मिलकर मौके पर गए तो वहां कार्यालय के दरवाजे पर ताला लगा हुआ पाया। इस पर एजेंट व निवेशकों ने दफ्तर के सामने मालिकों के खिलाफ नारेबाजी की।फिर पुलिस घटनास्थल पहुंचीऔरग्राहकों की शिकायत के आधार पर उन्होंने मालिक की पत्नी जुथिका राय को गिरफ्तार कर लिया। चिटफंड कंपनी की मालकिन यूथिकाराय को सोमवार को अदालत में पेश किया गया। यूथिका राय के पति केएन राय फरार है।
इसी बीच मालदा शहर के रवींद्र पल्ली इलाके में हाल ही में कंपनी का एक एजेंट ने आत्महत्या की। पुलिस अधीक्षक कल्याण मुखोपाध्याय ने बताया कि सीआईडी पूरी घटना की जांच कर रही है।
शहर में शारदासमूह के कार्यालय को मंगलवार को प्रशासन ने सील कर दिया। नजरूल सरणी में स्थित शारदासमूह के कार्यालय में एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में इंग्लिशबाजार थाना से भारी तादाद में पुलिस बल मौके पर पहुंचा। जिसने कार्यालय में ताला जड़ दिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शारदासमूह के कार्यालय के सुरक्षा गार्डो ने थाने में शिकायत दर्ज की है कि उन्हें दो महीने से वेतन नहीं दिया गया।
जिस किसी पर आरोप लगते हैं,क्या आज तक किसी ने स्वीकार किया है, जो यह करेंगेमजे की बात ये है कि?इस हमाम में यैह सब नंगें हैं,फिर भी एक दुसरे पर नंगाई का आरोप लगा रहें हैं.इन्हें अपनी कोई इज्जत या मान कि चिंता नहीं,सब चोर हैं.
जिस किसी पर आरोप लगते हैं,क्या आज तक किसी ने स्वीकार किया है, जो यह करेंगेमजे की बात ये है कि?इस हमाम में यैह सब नंगें हैं,फिर भी एक दुसरे पर नंगाई का आरोप लगा रहें हैं.इन्हें अपनी कोई इज्जत या मान कि चिंता नहीं,सब चोर हैं.