यूपी के बागपत में हुई दो गरीब युवतियों की दर्दनाक हत्या : बेवा माएं बोलीं, काफिरों से शादी करना जुर्म है, हमें पछतावा नहीं : हत्यारी माँ बोली, हमारे समुदाय के लिए शर्म की बात थीं लड़कियां ..
नई दिल्ली: देश के उत्तरी शहर में दो मुस्लिम माताओं ने हिंदू पुरुषों के साथ भाग कर शादी करने के लिए रोंगटे खड़ी करने वाला कृत्य कर दिया। परिवार के अपमान के लिए अपनी इन बेटियों को इन मुस्लिम महिलाओं ने मार डाला। कत्ल की गयीं इन युवतियों का नाम 19 बरस की जाहिदा और 26 बरस की हुस्ना है। मारी गयीं युवतियों की बेवा मांओं ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है और बोली हैं कि काफिरों से शादी करना सबाब है और हमने सबाब कमा लिया है। पुलिस ने हत्या के आरोपों में इनकी दोनों विधवा माताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
यूपी के बागपत में रविवार को हुए इन हादसों की खबर ने सबको हिला दिया क्योंकि इस हादसे को दो महिलाओं ने ही अंजाम देकर ऑनर किलिंग वाली मानसिकता को मजबूती दी है. पुलिस का कहना है कि जाहिदा और हुस्ना ने यह शादी कर ली थी और शादी के बाद वे अपने घर मायके चली गयीं थीं। इन युवतियों ने हिन्दू युवकों से विवाह किया था।
दरअसल, हिंदुओं और मुसलमानों के बीच शादियां भारत में आम नहीं हैं। इतना ही नहीं, ऐसे रिश्ते आमतौर पर हत्या और आजीवन रंजिश का कारण बनते रहे हैं। हालांकि हिन्दू लड़कियों की शादी को तो मुसलमान समुदाय अपने घर में स्वीकार कर लेते हैं, लेकिन हिन्दू युवकों से मुसलमान लड़कियों से शादी करना तो कल्पनातीत ही है। भले ही यह किसी भी समुदाय के शिक्षित क्षेत्र का हो या अनपढ़ों के बीच। शहरी क्षेत्र में तो भारत के बीच अंतर-धार्मिक विवाह के अधिक उदाहरण हैं, कई विवाह अभी भी परिवारों द्वारा व्यवस्थित भी हो रहे हैं। लेकिन बढ़ती अर्थव्यवस्था और अधिक महिलाओं के कार्य बल में प्रवेश के बावजूद धार्मिक मामलों में यह अभी भी असम्भव ही माना जाता है। हालांकि, सदियों पुरानी जाति और समुदाय बाधाओं में अभी भी इसे लागू करने अथवा उसे मानने में ज्यादा दिक्कत नहीं आती है। उत्तरी भारत भर में हाल के वर्षों में “सम्मान हत्याओं” में भारी उछाल दिया जाता है।
दिक्कत की बात यह थी कि इन परिवारों की माताएं बेवा यानी विधवा थीं। महिलाओं के मुस्लिम परिवार इस रिश्ते को हर्गिज मानने को तैयार नहीं थे। उनकी माताएं यानी दोनों विधवा बेहद गुस्से में थीं। पुलिस अधिकारी किशन ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इन दोनों की मांओं ने एक-दूसरे की मदद करते हुए ऐसा कांड कर दिया जिसे देख कर पूरा समाज हमेशा के लिए दहल जाएगा। इन विधवाओं ने अपनी बेटियों को गला घोंट डाला। वे बोलीं:- “हमने उन्हें मार डाला क्योंकि वे हमारे समुदाय के लिए शर्म की बात बन चुकी थीं। आखिरकार हम किसी हिंदू के साथ रिश्ता कैसे कर सकती थीं। इन महिलाओं का कहना है कि उन्हें ऐसी काफिरों से शादी करने वाली लड़कियों की हत्या का कोई पछतावा नहीं है”।
इससे पहले इस सप्ताह भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सम्मान हत्याओं के लिए मौत की सजा की सिफारिश की है। देश में पेशेवर बर्बर और सामंती लोग और समुदाय ऐसी हत्याओं के अधिकांश पीड़ित रहे हैं जिनमें युवा वयस्क ज्यादा हैं जो प्यार में अपने परिवार की इच्छा के खिलाफ से शादी कर लेते हैं। ऐसे कुछ मामलों में, गांव परिषदों का आदेश ऐसे जोड़ों को मार डालने का होता है जो उनकी जाति या धर्म के बाहर शादी कर लेते हैं। हालांकि कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं, लेकिन एक स्वतंत्र अध्ययन में पाया गया है कि हर साल 900 से ज्यादा अपने बड़े-बूढों या बुजुर्गों के आदेशों का पालन न करने पर भारत में मार डाले जाते हैं।
बहरहाल, बागपत में इन दो बेटियों के जीवन समाज के झूठे सम्मान के चलते आनर-किलिंग से खत्म हो गया। यह सम्मान-हत्याओं में इस बार पिता नहीं, बल्कि मां शामिल है। पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश में दो मुस्लिम महिलाओं ने एक-दूसरे की मदद में अपनी इन बेटियों के गले पर फांसी लगा दिया और इस तरह उनका दम घोंट दिया। अपनी बेटियों की जिन्दगी खत्म करने बाद लौटी इन विधवा महिलाओं ने पुलिस के सामने कहा कि उनका यह फैसला हिंदू युवकों से शादी करने के प्रति कड़ा प्रतिरोध करने के तौर पर था। “हमने उन्हें मार डाला क्योंकि वे हमारे समुदाय के लिए शर्म की बात थी।” ऐसी हत्यारी माताओं में से एक विधवा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया. ” हमारी कोई भी बेटी किसी हिन्दू के साथ कैसे भाग सकती है ? उनका करम ही ऐसा था कि वे मरतीं, तो वे मर गयीं है। उन्हें मारने के लिए हमें कोई भी कोई पछतावा नहीं है.”
(सौजन्य: मेरी बिटिया.कॉम)
dekho bhai dekho.
जी हाँ यही वह हमारे बदलते और चमकते भारत का बेनकाब चेहरा जो हमारी गंगा जमुनी तहजीब की असलियत को उजागर करता है, हमारी मानसिकता को दिखाता है और विश्व समुदाय में खुद को बढ़ा चढ़ा कर प्रस्तुत कर रह हमारे नेताओं के मुँह पर करारा तमाचा।
किस बिना पर हम कहते हैं कि हम सेकुलर हैं, धर्मनिरपेक्ष हैं, उदारवादी हैं, विभिन्न संस्कृतियों और परम्पराओं के शहंशाह हैं औरविभिन्न कोमों, मजहबों के प्रेमी लोग हैं।
-गोपाल अग्रवाल
yah enshneyt he……. enki
bada bura hua.
very shame ful.
hidu samaj ki ladkiya kar leti sadi…to kayo nhi hona chahiye muslim ladkiyo se sadi.
isme kaun sa sanyam nahi barta gaya?.. kis sanyam ki bat kar rahe hain?
ऐसी मानसिकता पर अंकुश लगाने की ज़रूरत है. जब तक हम अपनी सोच में गहराई और पैनापन नहीं लायेगे तब तक ऐसे विकट दृश्य सामने आते रहेगे. कहने को हम सभी सभ्य समाज में जी रहे है पर व्यवहार तो असभ्यों जैसा ही कर रहे है. हम सभी एक इश्वर की संतान है फिर क्यों भेद करते है. सोच को बदले प्लीज
enkoa sakt sea sakt sja dena chahiya ta kia.
enkoa malua hoa kia hiandus tan hia jiy hand jiya bharat.
muslman ladiya hinduyo se saadi kar ke apna जीवन सुरक्छित मानती है तलाक का कोई खतरा नहीं महिला का सम्मान हिन्दू बहुत करता है ८ १० बच्चे पैदा नहीं करना पड़ेंगे जीवन सम्मान से कटेगा इएसि लिए बड़ी संखिया मई मुस्लिम बेतिया हिन्दू परिवारों मई जा रही है ओर्र हिन्दू उनेह स्वीकार भी कर रहा है कियो की ये बच्चिय पदिलिखी समझदार होती है अपना भविष्य अछि तरह जानती है मई तो हन्हुंगा ये हत्तिये करने वाली कोम को अप्मने झूठे दखियानुसी बिचारो को छो कर बह्चियो के जीवन के बारे में उनिही को निर्णय लेन की इज्जाजत देदी चाहिए अप सात मी सदी का इस्लाम काल वही हो चूका है समय ओर्र ज़माने की रफ़्तार को मुस्लमान परखे ओर्र नयी सोच के साथ लडकियों की जीने दे ये काफिर बलि बाते दुश्मनी ही फैलाएगी जिस की हाने ही होगी समाज टूटेगा
क्या मिडिया की खबर लिखते समय जिम्बेदारी नहीं बनती की खबर की खबर मै लिखना है देश को बाटने का काम शायद मिडिया ने अपने हाथ मै ले रखा है
khabar likhte samaya shayam barte.
end human torture.
Hinduon ko bhi yahi karna chahiye dono ko mar dena chahiye aaj ye sataye mare kate gaye Hindu Jo jabadasti kalma padhakar musalman banaye gaye they hinduon ko kafir kahte hain apne uper inhe sharm nhi ati dharm ke naam par desh ka batwara karane wale hissa lekar bhi hamari chhati me mung dalne ke liye bhara me chipke hai inko hindustan se bhagao nhi to ek din Bharat hua karta th padhne ko milega.
yes news jara dyan se padhe.. fir faisla karein ki yes behuda bade bhude so called buzurg jinka insaniyet ka burz tak gir chuka hain — samman yogya hain yes hatyare?
hindu samaj ke yuwak aur yuwatiya issey seekh lein…………..aakhir we kya kar rahey hain………