मीडिया दरबार के फैसलों पर अब पत्रकारों के साथ साथ सरकारों को भी भरोसा होने लगा है। पिछले दिनों आईबीएन के पत्रकार शलभमणि त्रिपाठी पर कथित हमले के आरोप में बर्खास्त किए गए पुलिस अधिकारियों बीपी अशोक और अनूप कुमार को दोबारा बहाल करने के आदेश जारी हो गए हैं। इन अधिकारियों को मीडिया दरबार से पहले ही क्लीनचिट मिल चुकी है।
मिली खबर के मुताबिक बीपी अशोक को मेरठ के एसपी सिटी के पद पर तैनात किया गया है जबकि अनूप कुमार की पोस्टिंग गाज़ियाबाद की गई है। बताया जा रहा है कि दोनों को प्राइज़ पोस्टिंग दे कर दबाव में की गई उनकी बर्खास्तगी को कंपन्सेट करने की कोशिश की गई है। पिछले 27 जून को दोनों को तब बर्खास्त किया गया था जब मीडियाकर्मियों के एक गुट ने उन दोनों पर शलभमणि को गिरफ़्तार करने और उनकी पिटाई करने का आरोप लगाया था। प्रशासनिक जांच में दोनों को बेकुसूर पाया गया है।
गौरतलब है कि शलभमणि और एमके राजन नाम के दो मीडियाकर्मी एक निजी कैमरामैन गुरुदत्त के साथ 27 जून को बाजार से गुजर रहे थे तभी एक महिला की गाड़ी की वजह से बाजार में जाम लग गया था। गुरुदत्त उस महिला से बदतमीजी करने लगा तो ये दोनों उसे रोकने की बजाय उसका बचाव करने लगे। जब इसी सिलसिले में दोनों पुलिस अधिकारी आगे आए तो तीनों उनसे भी उलझ गए।
बाद में इन लोगों ने स्थानीय पत्रकारों को समझा लिया था कि उनपर पुलिस ने सचान मर्डर केस में सरकार के खिलाफ रिपोर्टिंग करने का बदला लेने के लिए हमला किया है। पत्रकार मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठ गए थे और हार कर प्रशासन ने दोनों अधिकारियों को निलंबित कर जांच बिठा दी थी। ब्रॉडकास्ट एडीटर्स एसोशिएसन ने भी सरकारी जांच पर संतोष व्यक्त किया था।
सूत्रों का कहना है कि न सिर्फ जांच मे मीडिया दरबार.कॉम की रिपोर्ट में उठाए गए सवालों पर विचार किया गया बल्कि असलियत समझने वाले स्थानीय पत्रकारों ने भी हमारे तथ्यों और फैसले की तस्दीक की। दोनों अधिकारियो की तैनाती हालांकि एक ईनाम है दो कानून के रखवालो के लिए जो लेकिन साथ ही सम्मान भी है, मीडिया के दरबार में हुए एक अहम फैसले का।
एक होनेस्ट पोलिसर ऑफिसर की मिशाल है बी.पी अशोक सर
सचाई की हमेशा विजय होती है
मीडिया दरबार की ये पहल बहुत ही सराहनीय है ……..बी. पी. अशोक जी को हार्दिक बधाई..
खबर है की डॉ. बी.पी.अशोक को मेरठ का एस .पी . बनाया गया है और अनूप कुमार जी को गाजियाबाद में सी .ओ. बहन मायावती , मुख्यमंत्री , उत्तर परदेश और उनकी सररकार को सही निर्णय लेने के लिए लिए धन्यवाद् . क्योकि जो आरोप मीडिया इन दोनों पुलिस अधिकारियो पर लगा रहा था वह सब गलत साबित हुआ . धन्यवाद मीडिया दरबार का सच उजागर करने के लिए.आखिर जीत सच्चाई की हुई .
वाह खूब……………..
मीडिया दरबार अब स्वम्भू caurt बन गया है . ऐसे ही कथित चाटुकारों ने ने मीडिया को कमजोर किया hai
डॉक्टर बी.पी.एक इमानदार पोलिसे आफिसर है अनूप कुमार भी एक इमानदार पुलिस आफिसर है . दोनों आफिसर बहुत ही सामाजिक भी है .मीडिया दरबार को धब्यावाद सच उजागर करने के लिए. सरकार को धन्यवाद् . अशोक साहब और अनूप साहब को बहुत- बहुत बधाई……सच जीत गया.
मीडिया दरबार और बीपी अशोक जी जो हार्दिक बधाई…… आखिर जीत सच की ही हुई …..