कारगिल के शहीद सौरभ कालिया के साथ पाक सेना की निर्मम यातनाएं झेल देश के लिए शहीद हो जाने वाले भीखाराम के परिवार को अब बिजली के कनेक्शन की खातिर लड़नी पड रही है जंग…
-चन्दन भाटी||
बाड़मेर कैप्टन सौरभ कालिया व उनके 5 साथियों के साथ पाकिस्तानी सेना के मानवीय यातनाएं दीं. यहां तक कि इन वीरों के अंग-भंग कर डाले तथा शरीर को गर्म सरिये व सिगरेट से दागा गया. पाकिस्तान ने 9 जून, 1999 को इन शहीदों के शव भारतीय अधिकारियों को सौंपे. अब इन शहीदों के परिवार अपनी अपनी जंग लड़ रहे शहीद कैप्टन सौरभ को इंसाफ दिलाने के लिए 13 साल से लड़ रहे उनके रिटायर्ड साइंटिस्ट पिता एन. के. कालिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए गुहार लगाई है वही, शहीद भीखाराम का पूरा भी एक जंग लड़ रहा है. शहीद भीखाराम का परिवार बिजली के कनेक्सन के लिए एक लड़ाई लड़ रहा है सबसे चोकने वाली बात यह है कि पतासर गाव कई घरो में बिजली के कनेसन है लेकिन राजनीति करने के चलते शहीद भीखाराम के घर में 13 साल से बिजली का कनेक्शन नहीं है शहीद भीखाराम का परिवार आज भी भी मुलभूत सुविधाओ के लिए दर दर की ठोकरे खा रहा है.
4 जाट रेजिमेंट में कमिशन मिलने के ठीक बाद कैप्टन सौरभ कालिया को कारगिल में पोस्टिंग दी गई थी. मई 1999 में कैप्टन सौरभ कालिया अपने 5 साथियों अर्जुन राम, भंवर लाल, भीखाराम, मूला राम व नरेश सिंह के साथ गश्त पर गए थे. 15 मई, 1999 को पाक सेना ने इन्हें बंदी बना लिया तथा 22 दिनों तक अमानवीय यातनाएं दीं. शहीद भीखाराम के भाई पदमराम के अनुसार जब हमारे घर शव आया था तो पूरा अंग भग किया हुआ था हमारा पूरा परिवार आज भी शहीद मेजर सौरभ कालिया के पिता एन. के. कालिया के साथ रहकर लड़ाई लड़ रहा है शहीद भीखाराम के भाई पदमराम के अनुसार एक सैनिक रणक्षेत्र में सीने पर दुश्मनों की गोली झेलकर मरना चाहता है न कि कई दिनों तक प्रताड़ित होते हुए. भीखाराम भी कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों के हत्थे चढ़ गए. पाकिस्तान ने उनका बुरी तरह क्षत विक्षत शव कुछ दिनों बाद भारत को सौंपा था. हमें इस बात की ख़ुशी है कि हमारे भाई अपने वतन के लिए शहीद हुआ लेकिन इस बात का बहुत दुख है कि हम केवल इतना चाहते हैं कि इस अमानवीय कृत्य के पीछे जो भी हों उनकी पहचान की जाए और उन्हें असाधारण सजा दी जानी चाहिए. ताकि संसार में कहीं भी इसके बाद किसी भी सैनिक की हालत मेरे बेटे एवं उसके साथियों की तरह न
हो.
शहीद भीखाराम के पिता चेनाराम के अनुसार हमारे परिवार को इस बात की ख़ुशी है कि हमारा बेटा अपने देश के कुछ काम तो आया लेकिन अब जो नेता और सरकार जो हमारे साथ कर रही है उससे हमे बड़ी ठेस पहुचती है हमने शहीद भीखाराम की पत्नी भवरी देवी के नाम से बिजली के कनेक्सन की फाइल 2007 में लगे थी लेकिन अभी तक हम इस के लिए लम्बी जंग लड़ रहे है सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पुरे गाँव में बिजली के कई घरो में कनेक्शन है लेकिन हमारे साथ राजनीति के चलते भेदभाव किया जा रहा यह कहा तक जायज है.
शहीद भीखराम के भाई पदमराम के अनुसार सरकार ने हमें एक पेट्रोल पम्प, एक मुरब्बा और 5 लाख रूपए का मुआवजा दिया है लेकिन हमारा पूरा परिवार बिजली के कनेक्शन के लिए एक जंग लड़ रहा है सबसे मजे कि बात यह है कि हमारे गाव में कई घरो में
बिजली के कनेक्शन है लेकिन राजनितिक कारणों के चलते हमें बिजली का कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है हम लोगो करीब 13 साल से सरकार दफ्तरों के चक्कर निकाल रहे है और छोटो से बड़े नेता तक के पास अपनी अर्जी लगा दी लेकिन कोई हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है और ऐसा ही कुछ हाल गाँव में पानी और सडक का है.
शहीद भीखाराम के भाई पदमराम के अनुसार जब मेरा भाई भीखाराम शहीद हुआ था तो कई नेता हमारे घर आए थे और हमें यह विश्वास दिलाया था कि सरकार आपकी हर संभव मदद करगे उनमे से एक वर्तमान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उस समय कहा था कि हम आपको हर मुलभूत सविधा देगे लेकिन आज हकीकत क्या है आप खुद देख सकते हो आज भी हम बिजली अपनी के लिए तरस रहे है अब तो हमने बिजली पानी सडक को तो उम्मीद ही छोड़ दी है.
वहीँ, इस पुरे मामले पर बिजली विभाग पचपदरा के सहायक अभियंता सुनील दवे का कहना है कि शहीद भीखाराम के परिवार वाले कुछ रोज पहले मुझसे मिले थे जल्द ही फ़ाइल् के देख क्र हर संभव मदद की जाएगी वही इस मामले में बालोतरा उपखंड अधिकारी कमलेश कुमार के अनुसार इस तरह का कोई भी मामला हमारे ध्यान में नहीं आया है लेकिन ऐसा कुछ है तो हम शहीद भीखाराम के परिवार की पूरी मदद करेगे.
दरअसल यह हकीकत है भारत में शहीद परिवार की ……….जहाँ सरकार कहने को तो यह कहती नजर आती है कि हम शहीद के परिवार वालों की हर संभव मदद करते है लेकिन आज राजस्थान में शहीद परिवार किस दौर से गुजर रहे है, वह आप खुद देख सकते है.