यदि किसी आम भारतीय नागरिक के सिर पर कुछ हज़ार रुपये का बैक क़र्ज़ बाकी रह जाता है तो भारतीय बैंक उसे हालातों से निबटने का कोई मौका नहीं देते और क़र्ज़ अदा न कर सकने की सूरत में उसे जेल भेजने की कोशिशों में जूट जाते हैं. लेकिन सात हज़ार हज़ार के के क़र्ज़ के बावजूद विजय माल्या और उनका पुत्र किंगफिशर के 2013 के कलैंडर के लिए लिए सड़क पर नंगी हो जाने को उतारू बालाओं के लिए टीवी शो आयोजित करने और मौज मारने के लिए हर वक़्त तैयार पिता पुत्रों के खिलाफ किसी किस्म की सख्त कार्रवाई करने को राज़ी नहीं है. यही नहीं किंगफिशर एयरलाइंस का भट्टा बैठा देने वाले सीइओ संजय अग्रवाल को उनके इस उत्कृष्ट कार्य के लिए विजय माल्या उन्हें एक साल में ही दो करोड़ से चार करोड़ याने दोगुना वेतन देने लगती है. हालाँकि DGCA ने किंगफिशर एयरलाइंस का लाइसेंस निलम्बित कर दिया है मगर इससे विजय माल्या की सेहत पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ा है और ना ही इन पिता पुत्रों ने अपना मॉडल हंट निरस्त करने की घोषणा की है, यानि कि चाहे जो हो जाये अय्याशियाँ जारी रहेगीं…
उड्डयन नियामक डीजीसीए ने किंगफिशर एयरलाइंस का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. यह किंगफिशर एयरलाइंस और उसके चेयरमैन विजय माल्या के लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका है. लाइसेंस निरस्त करने से पहले डीजीसीए ने कंपनी को एक नोटिस भी भेजा था. डीजीसीए के अनुसार, लाइसेंस सस्पेंड करने से पहले कानूनी विशेषज्ञों की राय ली गई, इसके बाद ही यह फैसला लिया गया.
डीजीसीए के इस फैसले पर अब तक एयरलाइंस कंपनी की ओर से कोई बयान नहीं आया है. हालांकि, एयरलाइन ने तालाबंदी 23 अक्टूबर तक बढ़ा दी है. कंपनी ने डीजीसीए को कारण बताओ नोटिस का जवाब भी भेज दिया है.
किंगफिशर के कर्मचारियों को सात महीने से वेतन नहीं मिला है. इसके भुगतान की मांग को लेकर वे कई दिनों से हड़ताल पर हैं. एयरलाइन प्रबंधन गतिरोध खत्म करने में अब तक विफल रहा है. एयरलाइन की उड़ानें पूरी तरह ठप हैं. हड़ताल की वजह से उसने 23 अक्टूबर को आंशिक तालाबंदी की घोषणा की थी. कंपनी 8000 करोड़ रुपए के घाटे में है. उसपर 7000 करोड़ रुपए का कर्ज है.
किंगफिशर पर 17 बैंकों के एक कंर्सोटियम के 7,000 करोड़ रुपये बकाया हैं, जिनकी अदायगी का भरोसा न बन पाने के चलते उन्होंने कोई नया कर्ज किंगफिशर को देने से मना कर दिया है. सरकार इसे बैंक और कंपनी के बीच का मामला मानकर चल रही है, जबकि कंपनी के कर्ताधर्ता अपने डूबते धंधे की चिंता करने के बजाए अपने चालू धंधों में दिलचस्पी ले रहे हैं, जहां उन्हें व्यस्त रखने के लिए कई चीजें मौजूद हैं.
एयरलाइंस कंपनियां इस वक्त भले ही बुरे दौर से गुजर रही हैं लेकिन इनके टॉप एक्जीक्यूटिव मोटी तनख्वाह उठा रहे हैं. संकट से जूझ रही किंगफिशर एयरलाइंस के सीईओ की तनख्वाह यूबी ग्रुप में टॉप वेतन पाने वाले अधिकारियों में दूसरे नंबर पर है.
देश की तीन लिस्टेड एयरलाइंस कंपनियों में से किंगफिशर के सीईओ संजय अग्रवाल का वेतन पैकेज 31 मार्च 2012 को खत्म हुए वित्त वर्ष में सबसे अधिक वेतन पाने वाले सीईओ में दूसरे स्थान पर रहा.
हालांकि अग्रवाल के मुताबिक उन्हें अप्रैल से सैलरी नहीं मिली है क्योंकि कंपनी की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. लेकिन उनका वेतन 2010-11 में 2.12 करोड़ था जो अगले साल बढ़कर करीब 4.01 करोड़ हो गया.
यूबी ग्रुप के प्रमोटर और चेयरमैन विजय माल्या की सात लिस्टेड कंपनियों की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक माल्या को 1.43 करोड़ रुपये दिए गए. किंगफिशर एयरलाइंस के चेयरमैन विजय माल्या ने 2011-12 में एयरलाइन के कर्ज और उसकी अन्य देनदारियों के लिए कुल 5,904 करोड़ रुपए की गारंटी दी, हालांकि बैंकों के विरोध के कारण उन्हें इसके एवज में कोई कमीशन नहीं मिला. माल्या की ओर से दी गई गारंटी इससे पिछले साल 2010-11 की तुलना में कम रही है. इससे पिछले साल माल्या ने 6,156 करोड़ रुपए की गारंटी दी थी. वहीं किंगफिशर और उसकी सहायक कंपनियों ने दी गई गारंटी बढ़कर 8,926 करोड़ रुपए पर पहुंच गई, जो इससे पिछले साल 8,863 करोड़ रुपए थी. माल्या को साल 2010-11 में गारंटी के लिए 51 करोड़ का कमीशन मिला था, लेकिन एयरलाइन ने कहा कि ऋणदाता बैंकों के समूह के निर्देशों के बाद इसे वापस ले लिया गया. शेयरधारकों को भेजी गई साल 2011-12 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार एयरलाइन ने वित्त वर्ष के दौरान माल्या को कोई भुगतान नहीं किया. हालांकि इस दौरान कंपनी के सीईओ संजय अग्रवाल को किया गया भुगतान दोगुना होकर 4.01 करोड़ रुपए पर पहुंच गया. जो इससे पिछले साल 2.12 करोड़ रुपए था.
कंपनी ने अपने कर्मचारियों को वेतन आदि के लिए कुल 669.5 करोड़ रुपए का भुगतान किया. कर्मचारियों की संख्या घटने की वजह से ये इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले एक फीसदी कम है. किंगफिशर ने कहा है कि पिछले वित्त वर्ष में उसके कर्मचारियों की संख्या 22 प्रतिशत यानी 1651 घटकर 5,696 रह गई.
नकदी की कमी से जूझ रही किंगफिशर एयरलाइंस ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अपने 76 करोड़ रुपए के सर्विस टैक्स बकाए में से केवल 10 करोड़ रुपए चुकाने पर ही सहमति जताई है. एयरलाइंस ने अपनी अंतरराष्ट्रीय सेवाओं को पूरी तरह बंद करने समेत अपने संचालनों में भारी कटौती कर दी है. उस पर सर्विस टैक्स एरियर के बतौर 76 करोड़ रुपए की देनदारी है जो उसने यात्रियों से पहले ही जुटा लिए हैं.
kiski mjal jo chede diler ko gardis me h sitare abhi hmare………………….
good bleas you vijay ji.