–चन्दन सिंह भाटी||
राजस्थान में रिफानरी की घोषणा को लेकर लम्बे समय से राजनैतिक सरगर्मियां अपने उरूज़ पर है. दरअसल राजस्थान के रेगिस्तानी जिले बाड़मेर में पिछले लम्बे समय से तेल का दोहन चल रहा है. इस कच्चे तेल को कैर्यन इंडिया, मगला टर्मिनल प्लांट से पाइप लाइन के ज़रिये गुजरात के जाम नगर में भेजती है. पिछले लम्बे से रेगिस्तान के लोगों की यह मांग रही है कि राजस्थान में पहली रिफानरी बाड़मेर में लगे. इस मुदे को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई बार प्रधानमत्री सहित दिल्ली के कई बड़े नेताओ से मिल कर रिफानरी को बाड़मेर में लगाने की हिमायत कर चुके है इसी का नतीजा है कि रविवार को एक वैज्ञानिक टीम बाड़मेर पहुँची और सोमवार को रिफाइनरी के लिए प्रस्तावित जमीन बायतु कस्बे के लिलाणा गाँव का दौरा कर वहां की भौगोलिक और ज्योग्राफिकल परिस्थियों का जायजा लिया.
रिफायनरी के लिए प्रस्तावित लीलना -जन्दुओं की ढाणी में मिटटी परीक्षण का कार्य बुधवार को शरू होगा इस परीक्षण के लिए भू-वैज्ञानिक दल दो दिन पहले बाड़मेर आया है इस दल ने मगलवार को इस इलाके का दोरा भी किया और धरातल की स्थिति को देखा एक भू-वैज्ञानिक के नेत्रत्व में तीन सदस्य दल इन गावो का मुदा परीक्षण बुधवार से शरू किया जो अगले दो दिन तक और चलने की सम्भव है दरसल रेगिस्तान होने की वजह से पहले HPCL पहले परीक्षण करवाकर यह पता लगने में जुटी है कि अगर यहाँ पर रिफानरी लगती है तो किसी भी प्रकार की भोगोलिक और ज्योग्राफिकल लेवल कोई दिक्कत तो नहो होगी इसी लिए HPCL यह TEXT करवा रही है
कुछ दिन पहले ही राजस्थान सरकार ने इस इलाके की जमीन को अवाप्त करने की प्रक्रिया को शरू कर दिया है रिफायनरी के लिए सरकार इस इलाके की करीब 55 सो बीघा जमीन को अवाप्त कर रही है इसके लिए सरकार ने नोटिस निकालने की प्रकिया को शरू कर दिया है. जब इस भू-वैज्ञानिक दल ने मगलवार को लीलना -जन्दुओं की ढाणी का दोरा किया तो स्थानीय ग्रामीणों ने हल्का विरोध भी किया इस दल के साथ प्रशाशन के अधिकारी भी मोजूद है बुधवार को बायतु इलाके के दर्जनों ग्रामीणों ने रिफाइनरी लगाने के लिए इस दल और भूमि अवाप्त का विरोध करते हुए जिला कलक्टर को मांग पत्र सौंपा है.
बाड़मेर जिला कलेक्टर भानु प्रकाश अतरु के अनुसार भू-वैज्ञानिक का दल बाड़मेर आया है यह दल लीलना -जन्दुओं की ढाणी में मिटटी परीक्षण कर अपनी रिपोट HPCL को सोपेगा इससे पहले भी करीब तीन साल पहले त्रिपाठी कमेठी और इंडियन इंजीनियर की टीम ने दोरा कर अपनी रिपोट सरकार को सोपी थी जिसमे यह कहा गया थी कि यह जगह रिफानरी के लगने के लिए उचित जगह है और रिफानरी यह पर लगे जा सकती है उसके बाद ही सरकार ने रिफानरी को लेकर गंभीर हो गयी थी.
दरसल कांग्रेस यह चाहती ही कि जल्द से जल्द रेगिस्तान में रिफानरी लगने कि घोषणा हो जाए ताकि आने वाले विधानसभी और लोक सभा चुनावो में कांग्रेस को इसका फायदा मिले.