अरबों की अकूत संपत्ति के मालिक काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने कब और कहां से यह सब हासिल किया इसको लेकर उनपर सवाल उठाए जा रहे हैं. सेलिब्रेटी नेटवर्थ नाम की वेबसाइट के मुताबिक रॉबर्ट के पास 2.1 अरब डॉलर (11 हजार करोड़ रुपए) की अकूत संपत्ति है. यह अकूत संपत्ति उन्होंने प्रियंका गांधी से शादी के बाद हासिल की है. इसका अर्थ यह माना जा सकता है कि उन्होंने इस संपत्ति को हासिल करने में कहीं न कहीं देश की शीर्ष राजनीतिज्ञ सोनिया गांधी के रुतबे का इस्तेमाल किया होगा. वर्ष 1991 में रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गाधी की मुलाकात दिल्ली में एक कॉमन फ्रेंड के घर पर हुई थी. बाद में दोनों की नजदीकियां बढ़ीं और आखिरकार दोनों ने 18 फरवरी, 1997 को शादी कर ली. इसके बाद उनकी संपत्ति में लगातार बढ़ोतरी होती आ रही है. हालांकि उन्होंने क… ई बार इस बात को कहा है कि वह कभी प्रियंका गांधी या सोनिया गांधी के कामों में कोई हस्तक्षेप नहीं करते हैं. उनका ध्यान केवल अपने बिजनेस पर है. उनकी आर्टेक्स के नाम से एक कंपनी है जो ज्वैलरी एक्सपोर्ट में जाना माना नाम है, वह इसको ही आगे बढ़ाने की चाह रखते हैं. रॉबर्ट और प्रियंका के दो बच्चे हैं जिनका नाम रेहान और मिराया है. रॉबर्ट पर हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने राजस्थान और हरियाणा में काफी जमीन खरीदने
का खुलासा किया था, जो उनकी विभिन्न कंपनियों के नामों पर दर्ज है. इसके अलावा दिल्ली स्थित एक होटल में उनकी साझेदारी, एक एयरलाइंस कंपनी में उनकी साझेदारी भी सामने आई है. इन सभी के अलावा केजरीवाल ने देश की प्रतिष्ठित रियल स्टेट की कंपनी डीएलएफ द्वारा रॉबर्ट को ब्याज मुक्त कर्ज देने का भी आरोप लगाया है. इस सभी के अलावा स्काईलाइट हास्पिटेलिटी प्रा. लिमिटेड कंपनी में वह अपनी मां के साझेदार हैं. इनके यूनिटेक कंपनी में भी बीस प्रतिशत शेयर हैं जिसका नाम टूजी मामले में सामने आया था. बाइक्स और कारों के शौकीन रॉबर्ट कई विदेशी कार और बाइक्स के मालिक हैं. वहीं फिटनेस और फैशन की दुनिया में भी उनका काफी बोलबाला है. दिसंबर 2011 में एक अंग्रेजी अखबार ने बेस्ट ड्रेस्ड मैन का खिताब से नवाजा था. रॉबर्ट का परिवार विवादों के घेरे से अछूता नहीं रहा है. रॉबर्ट के पिता राजेंद्र की रॉबर्ट और प्रियंका की शादी से नाराजगी जगजाहिर रही है. वहीं उनकी मौत भी एक रहस्य बन कर रह गई. हालाकि परिवारवालों ने इसको हार्ट अटैक से हुई मौत बताया लेकिन खबरें यह भी आई कि उन्होंने 2009 में आत्महत्या की थी. रॉबर्ट के भाई रिचर्ड ने 2003 में आत्महत्या की थी. वहीं बहन मिशेल एक कार दुर्घटना का शिकार हुई. इस वर्ष उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में रॉबर्ट ने काग्रेस का चुनाव प्रचार भी किया था. इस दौरान वह अपनी बाइक रैली को लेकर चर्चा में आए थे जब एक आईएएस अधिकारी का उनकी रैली रुकवाने की सजा के तौर पर तबादला कर दिया गया था. इससे पहले वह अपने पिता के साथ हुए विवाद के चलते चर्चा में आए थे. वर्ष 2001 में उन्होंने पिता और भाई के खिलाफ एक नोटिस जारी किया था. तब पिता ने उन पर मानहानि का केस दर्ज कराया था. कुछ और कंपनिया भी रॉबर्ट के नाम दर्ज हैं, इनमें ब्लू ब्लीज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड, नार्थ इंडिया आईटी पार्क प्राइवेट लिमिटेड, रियल अर्थ स्टेट प्राइवेट लिमिटेड और स्काई लाइट रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल हैं. इंडिया टूडे ने भी उनके साथ पार्टनरशिप और कारोबार में लेनदेन का खुलासा किया था.
प्रियंका से शादी के बाद 11 हजार करोड़ रुपए के हुए रॉबर्ट वाड्रा..!
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जिस तरीके से कांग्रेस के नेता राष्ट्रीय दामाद “वाड्रा” के बचाव में निकल निकल कर आ रहे हैं उससे दो बातों का संदेह होता है-
१. वाड्रा “युवराज” का जीजा है कि मनीष तिवारी, शुक्ल और निरुपम का ?
२. वाड्रा “मैडम” का दामाद है कि राशिद अल्वी, खुर्शीद, हरीश रावत का ?
पर जो भी कहो भाई, किस्मत हो तो वाड्रा साहब जैसी वर्ना साली किस्मत ही ना हो !! क्या ठाठ हैं…..अमरीका का राष्ट्रपति भी आहें भरता होगा कि काश मेरी भी ऐसी किस्मत होती और मुझे भी ऐसे साले और ससुराल वाले मिलते….
भाई, जंवाई तो हम भी हैं किसी के और आप लोग भी होंगे – पर ऐसा रुतबा कि पूरी पार्टी के लोग दीवानों की तरह इनके लिए लड़ने- मरने पर उतर आ जाये, बिछने को तैयार हो जाये – वाह भाई वाह !! इतनी शिद्दत और लगन से तो कांग्रेस वालों ने अपने सगे जीजा और दामाद की भी इज्ज़त और सेवा नहीं की होगी जितने शिद्दत से इनकी इज्ज़त की है…
मुझे तो गुस्सा आ रहा है अपनी ससुराल के लोगों पर- अरे सीखो कुछ इन कांग्रेसियों से कि अपने तो छोडो, देखो कि दूसरों के दामाद की इज्ज़त कैसे की जाती है !!
साले हों तो वाड्रा के साले जैसे हों; वर्ना ना ही हों…..
धन्य हो प्रभु !! क्या माया है तुम्हारी…..जय हो !!
परम सम्मानीय” वाड्रा साहब,
आपको देखकर मुझे यूँ लगता है कि जैसे “हो रहा भारत निर्माण” का नारा कांग्रेस ने आपको ही ध्यान में रखकर बनाया था….वाकई क्या निर्माण किया है आपने इतने कम समय में…….बहुत अच्छे…लगे रहो भैय्या…
हाँ तो कल आप कह रहे थे कि आप कानून मानने वाले इंसान हैं – तो भाई मना किसने किया है- हम तो कहते हैं कि आप कानून को सिर्फ मानने वाले ही क्यों , आप तो कानून बनाने वाले इंसानों में शामिल हैं- सीधे ना सही, परोक्ष रूप से ही सही…
हाँ, आपने ये भी कहा कि आप पिछले 21 सालों से व्यापार कर रहे हैं और इतना पैसा आपने “कानूनन” बनाया है- ठीक बात है भाई आपकी- जब इस देश का कानून मंत्री ही आपको बचाने के लिए मारा-मारा फिर रहा हो तो फिर आप “कानूनन” 300 करोड़ क्या, 30,000 करोड़ भी “कानूनन” बना सकते हैं…
और हाँ, मेरे पिताजी, चाचा, मामा और बाकि रिश्तेदार तथा मित्रजन भी आप ही कि तरह पिछले 21 सालों से भी अधिक समय से व्यापर कर रहे हैं- और भी बहुत से करोड़ों हिन्दुस्तानी लोग भी कई वर्षों से व्यापर करने की “कोशिश” कर रहे हैं- पर शायद ये सभी करोड़ों लोग आप जितने “काबिल ” नहीं हैं तभी तो केवल रो-पीट कर गुज़ारे लायक काम चला रहे हैं….
अब जरा काम की बात करें मिस्टर वाड्रा- आपको, आपकी ससुराल और उसके “गैरतमंद” नेताओं को क्या लगता है कि हम सभी हिन्दुस्तानियों के माथे पर बेवकूफ लिखा है ?????????
क्या बस आप ही लोगों को भगवान् ने अक्ल बांटी है ? आज जब सारी दुनिया और हमारा मुल्क भी आर्थिक संकट में है और आम आदमी को दो वक़्त की रोटी भी नसीब नहीं, जब लाखों लोगों को नौकरी से निकला जा रहा हो, जब रूपए की कीमत गर्त में जा रही हो, जब मंहगाई से लोगों की कमर टूट रही हो, किसान आत्महत्या कर रहा हो- ठीक उसी समय सिर्फ चार साल में तुम्हारे 50 लाख रूपए ऐसा कौन सा व्यापर करके 300 करोड़ में बदल गए ?
कांग्रेस के “चाटुकार” नेता क्या बताएँगे कि हिंदुस्तान में कितने ऐसे प्रोपर्टी के व्यापारी हैं जो चार सालों में 50 लाख से 300 करोड़ के स्वामी बन गए ?
क्या ये नेता ये बताएँगे कि जब ये “राष्ट्रीय दामाद” इतने कम समय में इतनी तरक्की कर सकता है तो फिर पूरे देश ने इतनी तरक्की क्यों नहीं की? क्यों पूरा मुल्क गरीबी और तंगी से गुजर रहा है ?
क्या इनके पास इस बात का उत्तर है कि जब इस देश का आम आदमी दो जून की रोटी के लिए तिल तिल कर मर रहा है तो फिर ये “दामाद” कैसे लाखों -करोड़ों की कारों और विदेशी “मोटरसाइकिल” खरीद कर किसके पैसे पर ऐश कर रहा है ?
क्या सिर्फ अदालत में जाकर ही हर बात का निर्णय होगा ? N.D. Tiwari भी शुरू में कहते थे कि रोहित मेरा बेटा नहीं- बाद में क्या हुआ अदालत में ? क्या नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी नाम की कोई चीज़ नहीं है ? क्या सिर्फ कुतर्कों से और फालतू बहस से सही जनता को हमेशा की तरह बरगलाया जायेगा ? क्या ये कमाई नैतिक तौर पर जायज़ है ?
मिस्टर वाड्रा, अगर आपमें थोड़ी सी भी गैरत, आत्म-सम्मान और साहस है तो फिर आ जाईये मैदान में और होने दीजिये जांच पूरे मामले की !!!!!!!!!!!
डॉ राजेश गर्ग.