संघ प्रमुख मोहन भागवत ने किया संबोधित, हिन्दुओं को संगठित होने का किया आह्वान, सीमा की सुरक्षा को लेकर भी जताई चिन्ता
2 अक्टूबर, जैसलमेर/मनीष रामदेव–
स्वर्णनगरी जैसलमेर में आज विराट हिन्दु सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने देश की सीमाओं की सुरक्षा के बारे में चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकारें इस ओर ध्यान नहीं दे रही उन्होंने कश्मीर में हिन्दुओं की स्थिति के बारे में बात करते हुए कहा कि आज हिन्दु अपने ही देश में शरणार्थी शिविरों में रहने को मजबूर हो रहा है। देश की चारों दिशाओं की सीमाओं व समुद्र सीमाओं की सुरक्षा पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उन्होने अहिन्दु व अभारतीय ताकतों के देश में बढते वर्चस्व पर निशाना साधते हुए कहा कि विश्व में हिन्दुओं के लिये भारत एक मात्र देश है जहां वे अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं लेकिन भारत में ही इन दिनों हिन्दु सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है।
स्थानीय पूनम स्टेडियम में आयोजित विशाल हिन्दु सम्मेलन में 25 हजार से भी अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन का आगाज संघ के ध्वज प्रार्थना के साथ किया गया जिसमें उपस्थित स्वयंसेवकों का अनुशासन देखने योग्य था, प्राथृना के पश्चात स्वयंसेवकों द्वारा शारिरीक प्रदर्शन भी किया गया जिसमें लाठी के माध्यम से स्वयं की सुरक्षा के गुरों का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सरकार की आर्थिक नितियों की बात करते हुए कहा कि सरकार की खुदरा व्यापारियों को पीडित करने की नीति उनकी समझ से बाहर है उन्होंने सरकार की सभी नितियों में राजनिती होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार केवल वोटों के लिये नीतियों का निर्माण कर रही है आम आदमी के हितों से सरकार को कुछ भी लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों को देख कर आम आदमी को निराश होने की आवश्यकता नहीं है वरन हमें अपने आप को इसके लिये तैयार होने की जरूरत है ताकि आम आदमी के आत्मबल को देख कर सरकार को अपनी अनीतियां वापिस लेनी पडेगी। उन्होंने आमजन से निर्भय होने की बात कही उन्होंने कहा कि हमारी दुर्बलताओं के कारण ही कट्टरपंथी ताकतें बढ रही है ऐसे में समाज को स्वाभिमानी एवं गुणसंपन्न होने की आवश्यकता है।
उन्होंने हिन्दु की परिभाषा पर चर्चा करते हुए कहा कि अपने आप को हिन्दु कहने का अधिकार केवल उसी को है जिसके हिन्दु उच्चारण मात्र से ही शरीर में बिजली कौंध जाये। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने आह्वान किया कि केवल दर्शन नहीं बने, नियमित रूप से शाखाओं में जाना आरम्भ करें क्योंकि शाखाएं स्वार्थ को छोड कर देश के लिये जीवन जीने की भावना का व्यायाम स्थल है। कार्यक्रम के अंत में जिला सर संघ चालक त्रिलोकचंद खत्री ने भागवत का स्वागत करते हुए जिले के सभी हिन्दुओं इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये आभार व्यक्त किया।
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