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प्रधानमंत्री कार्यालय ने “मुंबई मिरर” में प्रकाशित उस खबर को निराधार बताते हुए उसका खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि उन्होंने कोलगेट कांड में कांग्रेस अध्यक्ष
सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल पर दोष मढ़ने की कोशिश की है।
यह समाचार हमने “मुंबई मिरर” के हवाले से प्रकाशित किया था. मगर, प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा खंडन किए जाने के बाद हम यह खबर अपनी वेबसाइट से हटा रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से किया गया खंडन इस प्रकार है-
‘प्रधानमंत्री कार्यालय का ध्यान मुंबई मिरर में आज 15 सितंबर 2012 को प्रकाशित एक खबर की ओर गया है। यह आरोप एकदम झूठ है कि प्रधानमंत्री ने यूपीए अध्यक्ष से बात की और उनसे कहा कि उनके कार्यालय ने कोल ब्लॉक आवंटन उनके राजनीतिक सचिव की सिफारिशों पर किए। यह रिपोर्ट फूहड़, गैरजिम्मेदार और शरारतपूर्ण है। उम्मीद है, दूसरी अखबार या मीडिया संस्थान इस निराधार खबर को पुनर्प्रस्तुत नहीं करेंगे।’
मीडिया दरबार के मॉडरेटर 1979 से पत्रकारिता से जुड़े हैं. एक साप्ताहिक से शुरूआत के बाद अस्सी के दशक में स्वतंत्र पत्रकार बतौर खोजी पत्रकारिता में कदम रखा, हिंदी के अधिकांश राष्ट्रीय अख़बारों में हस्ताक्षर. उसी दौरान राजस्थान के अजमेर जिले के एक सशक्त राजनैतिक परिवार द्वारा एक युवती के साथ किये गए खिलवाड़ पर नवभारत टाइम्स के लिए लिखी रिपोर्ट वरिष्ठ पत्रकार श्री मिलाप चंद डंडिया की पुस्तक "मुखौटों के पीछे - असली चेहरों को उजागर करते पचास वर्ष" में भी संकलित की गयी है. कुछ समय के लिए चौथी दुनियां के मुख्य उपसंपादक रहे किन्तु नौकरी कर पाने के लक्खन न होने से तेईस दिन में ही चौथी दुनिया को अलविदा कह आये. नब्बे के दशक से पिछले दशक तक दूरदर्शन पर समसामयिक विषयों पर प्रायोजित श्रेणी में कार्यक्रम बनाते रहे. अब वैकल्पिक मीडिया पर सक्रिय.
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अब परतें खुलनी चालू हुई हैं,कई और दिग्गज और छुपे रुस्तम सामने आयेंगे.सर्वोच्च न्यायलय का डंडा पड़ना चालू हुआ है ,तो जो सरकार ब्लोक्स रद्द करने से इंकार कर रही थी ,वोह अब इस विषय पर विचार करने लगी है.,रजिया के गुंडों के बीच फंसने वाली कहावत अब चरितार्थ होनी सिद्ध हो रही है.मनमोहन सिंह को इन चोर नेताओं ने कैसे मोहरा बनाया ,यह भी सामने आने लगा है.
midia darbar aap bhi kya bate ker rahe ho, sab ko sab kuch malum hoga sab ne bant ke khaia hai aur aap jaise baccha ke mafik kikh reha ho….ha…ha..
Miror नामक newspaper इतना गैरजिम्मेदार हो सकता है Ye Kabhi सोचा भी न था. ये तो बीजेपी का miror निकला.
PM और उनका ऑफिस अहमद Patel Ji के कहने SE काम नहीं Kiya करता
अपनी खल बचाओ अभियान चला रखा हे और सही बात तो ये हे की सब कांग्रेसी सोनिया बचाओ अभियान में जुटे हे अपना भला तो सोनिया का भला जनता चढ़ जाये सूली पे
अगर कांग्रेसी सोनिया को बचने में जुटे है तो सभी मीडिया भाजपा की सर्कार बनाने में जुट गई है!यही भाजपा आर्थिक सुधर और सब्सिडी ख़त्म करने की सुरुआत NDA के सर्कार में सुरु हुई थी इसकी याद मीडिया जनता को नहीं कराती,जब दुसरे देशो के पत्रिका में मनमोहन सरकार को कठपुतली और नाकाबिल लिखा था तो भाजपा और सभी मीडिया ने मनमोहन जी को खिचाई करने में लग गई थी पर आज जब उसी पत्रिका ने तथा अमेरिका ,इंग्लैण्ड ने मनमोहनजी के कठोर फैसले की तारीफ की तब भी ये लोग उनकी सरकार की नाकामी बता रहे हैं,इसका मतलब तो साफ है की भाजपा के साथ सभी माडिया भी मनमोहन सरकार को हटाने और भाजपा सरकार बनाने में जी जन से लगी हुई है !