सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमले के दोषी पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अजमल कसाब की अपील पर फैसला सुनाते हुए निचली अदालत द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा पर मुहर
न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति सीके प्रसाद की पीठ ने ढाई महीने तक चली सुनवाई के बाद 25 अप्रैल को इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. बांबे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल विशेष सुनवाई याचिका में कसाब ने शीर्ष अदालत में कहा है कि उसे स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं दिया गया. इसके अलावा कसाब ने दलील दी कि उसने भारत के खिलाफ कोई युद्ध नहीं छेड़ा था. हमले से पहले उसका ब्रेनवॉश किया गया था, ऐसे में उसे मृत्युदंड नहीं दिया जाना चाहिए.
26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए इस हमले में 166 लोग मारे गए थे. इस हमले में मुंबई पुलिस के तीन अफसर हेमंत करकरे, अशोक काम्टे और विजय सालस्कर भी शहीद हो गए थे.
महाराष्ट्र सरकार ने कसाब की सुरक्षा पर एक साल में ही 31 करोड़ रुपये खर्च कर दिए थे. इस खर्च में कसाब की सुरक्षा कर रही आईटीबीपी का एक साल (वर्ष 2009-10) का करीब 11 करोड़ रुपये का बिल शामिल नहीं है.
itni there bhi nahi honi chahiye thi…..
कसब को उदा दो यार
कसाब को फाँसी नहीं होगी कयूकी उसके पहेले बहुत लम्बी लाइन है और उनको फाँसी देनी नहीं है
सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरक़रार रखी… अब गेंद केंद्र सरकार के पाले में…
ऐसे में उसे मृत्युदंड दिया जाना चाहिए.
Jaldi phasi do Core Rs. Bacho
इसके उपर जो रकम खर्च हुई उसकी भरपाई कौन करेगा?
कसाब को तो जल्द से जल्द इंडिया गेट पर खड़ा कर के पत्थरो से मार-मार कर मार देना चाहिए.
hoga kya?abhi or biryani khilayenge .5 sal bad rastrpaty ke pas daya yachika bhejenge fir 10 sal dya yachika rastrpati ke pas rahega tab tek aam janta bhul jayegi ki kaasab kon tha.
des ka dancha hi kharab h.